नई दिल्ली। देश के सबसे साक्षर राज्य केरल में दो महिलाओं की निर्मम हत्या के बाद अंधविश्वाश और काला जादू के खिलाफ कानून की मांग उठ रही है। इस बीच केरल युक्तिवादी संघम ने केरल हाई कोर्ट में अमानवीय बुराई प्रथाओं, टोना-टोटका और काला जादू के उन्मूलन के लिए केरल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
इस याचिका में हाईकोर्ट से केरल सरकार राज्य कानून सुधार आयोग की सिफारिश पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की है।
केरल में दो महिलाओं की मौत के बाद कानून बनाने की उठी मांग
केरल के पतनमतिट्टा जिले में दो महिलाएं काला -जादू का शिकार हो गई। दोनों महिलाओं का अपहरण कर उनके शवों के टुकड़े-टुकड़े कर गड्ढें में दफना दिया। पुलिस ने जांच में पाया कि इस पूरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी आरोपी मोहम्मद शफी उर्फ रशीद है।
बता दें कि आरोपी ने पहले भी ऐसी वारदात को अंजाम दिया है। दिल दहला देने वाले इस मामले में पुलिस ने बताया कि दोनों महिलाओं के 56 टुकड़े किए गए थे। पुलिस ने अपनी जांच के दौरान पाया कि आरोपी ने दोनों महिलाओं को वित्तीय मदद करने के बहाने से अपने पास बुलाया था। पैसे का लालच देकर महिलाओं का अपहरण किया फिर दोनों की बलि दे दी। शवों के टुकड़े किए और अपने ही घर के पीछे दबा दिया।
अंधविश्वास और काला जादू पर क्या बनेगा कानून?
काला जादू और मानव बलि रोकने को लेकर 2019 में एक बिल बनाया गया था लेकिन इस बिल को कभी भी विधानसभा में पेश नहीं किया गया। केरल कानून सुधार आयोग ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपा था लेकिन सरकार इसे धार्मिक मामला समझते हुए इससे दूर रहने की कोशिश कर रही है।