छत्तीसगढ़

लापरवाही बनी मौत! बर्फबारी, खराब मौसम का था अलर्ट, फिर भी उड़ा दिया हेलिकॉप्टर

नईदिल्ली I उत्तराखंड के केदारनाथ में गरूड़चट्टी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई. पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक कुमार ने बताया कि दुर्घटना में मरने वालों में पायलट भी शामिल है. उन्होंने बताया कि दुर्घटना के शिकार श्रद्धालु रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर गुप्तकाशी वापस आ रहे थे कि तभी रास्ते में उनके हेलीकॉप्टर में आग लग गई.जानकारी मिल रही है कि मौसम खराब होने के चलते हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ. इतना ही नहीं उत्तराखंड मौसम विभाग ने 18 अक्टूबर के लिए पहाड़ी इलाकों में मौसम खराब होने की भी संभावना जताई थी.

मौसम विभाग ने 3500 मीटर और इससे ज्यादा की ऊंचाई वाले स्थानों में जैसे उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई थी. बड़ी बात यह है कि केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में आता है और मौसम विभाग ने रुद्रप्रयाग जिले के लिए भी मौसम का अलर्ट जारी किया हुआ था.

पीएम मोदी-सीएम धामी ने हादसे पर जताया दुख

बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार श्रद्धालुओं की शिनाख्त का प्रयास किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है और और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनका मंत्रालय स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हम नुकसान की भयावहता का पता लगाने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं.’

गरुड़चट्टी में हेलिकॉप्टर को उड़ने में आती हैं दिक्कतें

गरुड़चट्टी 2013 से पहले केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा का मुख्य पड़ाव हुआ करता था. तब केदारनाथ से इसकी दूरी दो किलोमीटर से ज्यादा नहीं हुआ करती थी. केदारनाथ घाटी की बात करें तो जंगल चट्टी, रामबाड़ा और गरुड़चट्टी, यह तीन ऐसे इलाके हैं, जहां पर अक्सर बादल आने के कारण हेलिकॉप्टर को उड़ने में खासी दिक्कतें आती हैं, क्योंकि जीरो विजिबिलिटी होने से दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है.

केदारनाथ धाम में पहले भी होते रहे हैं हादसे

इससे पहले भी 2013 की आपदा के दौरान केदारनाथ धाम में वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए शहीद हो गया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे. इसके साथ प्राइवेट कंपनी के भी दो से तीन हेलिकॉप्टर भी क्रैश हो चुके हैं. बड़ी बात यह है कि जितने भी प्राइवेट कंपनियों के हेलिकॉप्टर केदारनाथ धाम में उड़ते हैं, वह सभी सिंगल इंजन के होते हैं और सिंगल इंजन होने की वजह से यह सब मंदाकिनी नदी की घाटी में ही उड़ते हैं. यही वजह है कि इनके क्रैश होने का ज्यादा खतरा रहता है.