नईदिल्ली I भारत में एंटी कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिस के लिए गूगल पर भारी जुर्माना लगाया गया है। गूगल पर 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संबंध में प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के लिए यह जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि हाल ही में संसदीय समिति ने भारत में एप्पल, गूगल, एमेजॉन, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट के शीर्ष भारतीय अधिकारी को डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों की जांच के लिए नोटिस जारी किया था।
हाल ही में विभिन्न टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और फर्म्स में तालमेल नहीं होने को लेकर शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद से इस मामले में कॉम्पिटिशन के विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही थी। इस मामले की जांच करने के लिए जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति बनाई गई थी। यह समिति टेक मार्केट में कॉम्पिटिशन के विभिन्न पहलुओं और डिजिटल क्षेत्र में कॉम्पिटिशन विरोधी गतिविधियों की जांच कर रही है।
दरअसल, गूगल एंड्रॉयड ओएस (ऑपरेटिंग सिस्टम) का संचालन और प्रबंधन करता है और इसके लिए अन्य कंपनियों को लाइसेंस जारी करता है। गूगल के ओएस और एप का इस्तेमाल OEMs यानी ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर अपने मोबाइल डिवाइस के लिए करते हैं। इस लाइसेंस के अनुसार ओएस और एप के यूज को लेकर कई तरह के एग्रीमेंट भी किए जाते हैं, जैसे कि मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MADA)।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अपने बयान में कहा कि MADA ने आश्वासन दिया है कि सर्च एप, विजेट और क्रोम ब्राउजर एंड्रॉइड डिवाइस पर पहले से इंस्टॉल हैं, जिसने अपने प्रतिस्पर्धियों पर गूगल की सर्च सर्विस को महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान की है। इसके अलावा, Google ने अपने एक अन्य एप यूट्यूब के संबंध में अपने प्रतिस्पर्धियों पर महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल की। इन सेवाओं के प्रतियोगी मार्केट में समान स्तर का लाभ नहीं उठा सके, जिसे गूगल ने सिक्योर और एम्बेडेड किया था। CCI ने MADA का हवाला देते हुए कहा कि संबंधित मार्केट में एंट्री करने या संचालित करने के लिए गूगल ने कॉम्पिटिशन के लिए प्रवेश बाधा पैदा किया है।