छत्तीसगढ़

पूर्व सैनिक को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अस्पताल को एड्स का इलाज करने का निर्देश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सेना के कैंट स्थित बेस अस्पताल को निर्देश दिया कि वह एड्स पीड़ित पूर्व सैनिक का इलाज करे। उसे हर सुविधा उपलब्ध कराने को भी कहा है। ‘आपरेशन पराक्रम’ में शामिल रहे पूर्व सैनिक ने आरोप लगाया है कि 2002 में सेना के फील्ड अस्पताल में चढ़ाए गए खून की वजह से वह एड्स का शिकार हुआ है। 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर आतंकी हमले के बाद भारत ने आपरेशन पराक्रम शुरू किया था।

प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस बेली एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) विक्रमजीत बनर्जी ने कहा, ‘वह हमारा आदमी है। हम उसका ख्याल रखेंगे।’ पूर्व सैनिक ने कहा कि उसे कम से कम तीन बार बेस अस्पताल से बिना इलाज किए लौट दिया गया है।

इस पर पीठ ने कहा कि वह इन मुद्दों पर नहीं जाना चाहती। एएसजी ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि याचिकाकर्ता के इलाज के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा किया जाएगा। पीठ ने उसे शुक्रवार को ही बेस अस्पताल जाने को कहा। साथ ही उसके इलाज से संबंधित रिपोर्ट भी तलब की। मामले की सुनवाई 22 नवंबर को होगी।