छत्तीसगढ़

जेल में सिद्धू की साधना: अब तक 35 किलो वजन घटाया, रोजाना आठ घंटे लगाते हैं ध्यान, ये वजह आई सामने

नईदिल्ली I अपनी बेबाकी के लिए चर्चा में रहने वाले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल में अधिकतर समय मेडिटेशन यानी ध्यान में बिता रहे हैं। तड़के तीन बजे से उनकी दिनचर्या शुरू हो जाती है। दिन में सात से आठ घंटे ध्यान में मग्न रहते हैं। हालांकि, इन दिनों उनका स्वास्थ्य कुछ खराब चल रहा है। उनका पटियाला के सरकारी अस्पताल में मेडिकल भी कराया गया। जेल में जाने के बाद से वह अपना 35 किलो वजन कम कर चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक, सिद्धू जेल में तड़के तीन बजे उठकर नितनेम के बाद ध्यान पर बैठ जाते हैं। तीन घंटे ध्यान करने के बाद सैर करते हैं। डॉक्टरों की सलाह पर नाश्ते में फल एवं ड्राई फ्रूट लेते हैं। दोपहर को भी वह योग व ध्यान करते हैं। शाम को फिर सिद्धू ध्यान पर बैठते हैं। सैर व योग करने से सिद्धू का वजन 135 किलो से घटकर पांच महीनों में करीब 100 किलो रह गया है। सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा का कहना है कि उन्हें डॉक्टरों ने वजन कम करने की सलाह दी थी, क्योंकि सिद्धू को लिवर संबंधी समस्या है। सिद्धू जेल में अपनी शारीरिक फिटनेस पर पूरा जोर दे रहे हैं, अभी वह और वजन कम करना चाहते हैं।

मेडिटेशन से सिद्धू की आवाज में पहले से आया ज्यादा दम: नवजोत कौर सिद्धू 
सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी एक समागम में जेल के अंदर सिद्धू की ओर से तड़के तीन बजे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मेडिटेशन करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन से सिद्धू अंदर से और मजबूत हुए हैं। सिद्धू की आवाज में पहले से ज्यादा दम आ गया है।

पैरोल के लिए पात्र लेकिन लेने की संभावना नहीं
पटियाला जेल प्रशासन ने नवजोत सिंह सिद्धू को सूचित कर दिया है कि वह पैरोल पर बाहर जा सकते हैं लेकिन सिद्धू पैरोल लेने के मूड में नहीं हैं। जेल में सिद्धू से मिलने जाने वाले करीबियों का कहना है कि सिद्धू कहते हैं कि उनकी किस्मत में यह सजा लिखी थी, सो उन्हें मिल गई। यह रब की मर्जी थी, इसलिए वह सजा काटकर ही बाहर आएंगे।

चार माह की कैद के बाद नियमानुसार कैदी पैरोल पर जा सकता है। सिद्धू की चार माह की सजा 20 सितंबर को पूरी हो चुकी है, नियमानुसार वह 28 दिन तक की पैरोल पर जा सकते हैं। गौरतलब है कि सिद्धू 1988 के रोड रेज मामले में इस समय पटियाला की सेंट्रल जेल में एक साल की कैद काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के सजा सुनाए जाने के बाद 20 मई 2022 को सिद्धू ने पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।