मुंबई I मुंबई में एक व्यक्ति ने सात साल पहले अपने पड़ोस में रहने वाली लड़की को ‘आइटम’ कहकर संबोधित किया था. इस मामले में बच्चों के प्रति यौन अपराध के मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत (पॉक्सो कोर्ट) ने उसे अब डेढ़ साल की सजा सुनाई है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना कि आरोपी ने 16 साल की किशोरी को देखकर उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उसे लड़की के सेक्सुअल हरासमेंट का दोषी मानते हुए अदालत ने कहा कि उसे कम से कम डेढ़ साल तक जेल भेजा जाए. यह आरोपी के साथ सड़क पर घूमने वाले तमाम रोमियो के लिए एक सबक होगा.
पीड़ित लड़की ने यह मामला वर्ष 2015 में दर्ज कराया था. केस डायरी के मुताबिक 14 जुलाई 2015 को पीड़ित लड़की स्कूल से लौट रही थी. उसे देखकर आरोपी ने कहा था कि ‘क्या आइटम, किधर जा रही हो’. जब पीड़िता ने आरोपी का विरोध किया तो उसने गाली गलौच की और उसके बाल खींचे. इसके बाद पीड़िता ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया. वहीं पुलिस के आने के बाद पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ नामजद तहरीर देते हुए पॉक्सो एक्ट के साथ इंडियन पेनल कोड के सेक्सुअल हरासमेंट की धाराओं में केस दर्ज कराया था.
अदालत में साबित हुआ आरोप
मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता द्वारा लगाए गए कई आरोप तो खारिज हो गए, लेकिन उसके साथ छेड़छाड़ और बाल यौन अपराध प्रमाणित हुआ है. इसी क्रम में अदालत ने खासतौर पर ‘आइटम’ शब्द को हाईलाइट करते हुए कहा कि आरोपी ने इस शब्द का इस्तेमाल ही उसके सेक्सुअल हरासमेंट के लिए किया है. इसलिए आरोपी को कम से कम डेढ़ साल की सजा होनी चाहिए. इसी के साथ अदालत ने कहा कि यह सजा केवल आरोपी के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी के लिए एक सबक होगी जो लड़कियों को आते जाते छेड़ते हैं.
लड़कियों को आइटम कहते हैं रोमियो
अदालत ने माना कि आम तौर पर तमाम रोमियो लड़कियों को आइटम कहकर संबोधित करते हैं. उनके लिए यह सामान्य शब्द हो गया है. जबकि यही शब्द लड़कियों के लिए आहत करने वाला है. यह सेक्सुअल मैनर में बेहद आपत्तिजनक भी है. इस शब्द का सीधा मतलब है कि लड़की का शीलभंग किया गया. सरेआम लड़की को सड़क पर अपमानित किया गया.