छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : रायपुर में ऐसा दिखा सूर्य ग्रहण, कटे हुए सेब जैसा नजर आया सूरज, करीब 2 घंटे तक ढक रखा था चांद ने

रायपुर I दुनियाभर में मंगलवार को सूर्य ग्रहण देखा गया। रायपुर में ही शाम के वक्त सूरज पर ग्रहण लगा नजर आया। इस खगोलीय घटना को लोगों ने अपने कैमरे में कैद किया। ग्रहण के दौरान सूर्य पर चंद्रमा आया तो रोमांचित करने वाला दृश्य सामने आया। ग्रहण के दौरान सूर्य किसी कटे सेब की तरह दिख रहा था। जैसे महंगे मोबाइल या लैपटॉप के ब्रांड लोगो में दिखता है।

रायपुर के समाज सेवी नितिन सिंह राजपूत और फोटोग्राफी के शौकीन दीपेंद्र धर दीवान ने इस मोमेंट को कैमरे में कैप्चर कर लिया। करीब 120 मिनट से भी ज्यादा वक्त तक सूर्य पर ग्रहण लगा रहा। असल में चांद परिक्रमा करते हुए सोलर सिस्टम में सूर्य के सामने आता है इस पल को ही सूर्य ग्रहण कहा गया है। रायपुर में इस ग्रहण का कुछ ही हिस्सा दिखा जिस वजह से सूर्य के बाहरी किनारे पर अंग्रेजी के लेटर C जैसा कट बना। जिस काली आकृति से ये कट बना वह चंद्रमा ही था।

ये साल का अंतिम ग्रहण था
इसे साल का अंतिम सूर्य ग्रहण बताया गया है। यह सबसे पहले अमृतसर में दिखाई पड़ा। यह सूर्य ग्रहण सबसे पहले आइसलैंड में भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 29 मिनट से ग्रहण शुरू हुआ। सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 30 पूरी तरह से नजर आया। ग्रहण 6 बजकर 33 मिनट पर खत्म हो गया।

टाल दी गई पूजा
सूर्य ग्रहण की वजह से मंगलवार को कई धार्मिक अनुष्ठान टालने पड़े। माना जाता है कि ग्रहण के वक्त पूजा पाठ नहीं किया जाता। इस पांरपरिक धार्मिक मान्यता की वजह से लोगों ने धार्मिक काम नहीं किए। मंगलवार को दीवाली का दूसरा दिन होने की वजह से गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, लेकिन इस ग्रहण की वजह से ये बुधवार को मनाई जा रही है।

क्या है ग्रहण
सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब चांद के पीछे सूर्य का बिंब कुछ समय के लिए पूरी तरह से ढक जाता है। इस प्रक्रिया को ही सूर्य ग्रहण लगना कहते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच में चांद के आ जाने से पृथ्वी पर रोशनी नहीं पहुंच पाती है जिसके कारण कुछ समय के लिए पृथ्वी का कुछ सतह दिन के उजाले में ही अंधेरा दिखने लगता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी जब एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तब सूर्य ग्रहण लगता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का कुछ हिस्सा ही चांद से कवर होता है मंगलवार को आंशिक सूर्य ग्रहण था। पूर्ण ग्रहण में चांद से सूरज पूरी तरह से छुप जाता है।