रायपुर। छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों को प्रदेश सरकार से आस है। उन्हें उम्मीद है कि उन्हें राज्योत्सव के मौके पर नियमितीकरण का तोहफा मिलेगा। यही मांग करते हुए संविदा कर्मचारियों ने बैठक का आयोजन किया। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले ये बैठक हुई। इस बैठक में राज्य के समस्त विभागों और योजना में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के प्रदेश अध्यक्ष एवं सक्रिय पदाधिकारी शामिल हुए।
कर्मचारियों को इसलिए उम्मीद हैं क्योंकि विभागवार ऐसे कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई थी। दूसरी तरफ गुजरात में राहुल गांधी की तरफ से किए गए वादे ने भी आस बढ़ा दी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि गुजरात में सत्ता में आने पर कांग्रेस संविदा कर्मियों को स्थाई नौकरी देगी, पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लाएगी और समय पर पदोन्नति सुनिश्चित करेगी। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस का पक्का वादा। संविदा कर्मियों को पक्की नौकरी मिलेगी, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाएगी, समय पर पदोन्नति मिलेगी।” उन्होंने ‘कांग्रेस देगी पक्की नौकरी’ हैशटैग के साथ लिखा, ‘‘राजस्थान में लागू किया, अब गुजरात में कांग्रेस सरकार बनते ही कर्मचारियों को उनका हक मिलेगा।”
कर्मचारियों में असमंजस भी
जानकारी देते हुए प्रमुख पदाधिकारी हेमंत सिन्हा ने बताया कि हाल ही में सरकार ने एक तय फॉर्मेट में संविदा कर्मचारियों की जानकारी मांगी। इसके बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, तकनीकी शिक्षा जैसे डिपार्टमेंट ने अपने कार्यरत संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों का डेटा दिया है। करीब 45 हजार से अधिक संविदाकर्मी हैं जिन्हें नियमित किया जाना चाहिए। मगर प्रदेश के ऐसे बहुत से जिले हैं जहां इन विभागों ने दफ्तरों से जांगकारी ही नहीं ली है जबकि वहां संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनकी जानकारी दी ही नहीं गई वो असमंजस में हैं।
राहुल गांधी की ही तरह पदयात्रा की तैयारी
यदि सरकार की तरफ से जल्द ही नियमितीकरण की घोषणा नहीं होती तो प्रदेश के लगभग 40 हजार संविदा कर्मचारी पद यात्रा करेंगे। वैसे ही जैसे कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी कर रहे हैं। कर्मचारियों का महासंघ नवंबर में नियमितीकरण की आस में भगवान राम के ननिहाल माता कौशल्या मंदिर चंद्रखुरी में 1008 दीप प्रज्वलित करेगा। इसके बाद वहां से रायपुर तक की पदयात्रा निकाली जाएगी।
नियमितीकरण हुआ तो खर्च होंगे 800 करोड़
सूत्रों के मुताबिक अगर प्रदेश के करीब 45 हजार कर्मचारियों को नियमित किया गया तो शासन पर 700-800 करोड़ रुपए साल का भार आने वाला है। सुगबुगाहट है कि नियमितीकरण जल्द लागू किया जा सकता है। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। जनवरी-फरवरी (चुनावी साल) में इसकी घोषणा की जा सकती है। राजस्थान सरकार ने 21 अक्टूबर को आदेश जारी कर 30 हजार संविदाकर्मियों को नियमित कर दिया। इनमें पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पारा शिक्षक के पद शामिल हैं। इस वजह से प्रदेश के कर्मचारियों की उम्मीद और बढ़ गई है।