छत्तीसगढ़

देश और दुनिया में बढ़ गए हैं टीबी के मरीज! WHO की रिपोर्ट में बताया- बन सकता है बड़ा खतरा

नई दिल्‍ली । देश और दुनिया में एक बार‍ फ‍िर से टीबी के मामले बढ़ गए हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र की रिपोर्ट में इसे और चिंता व्‍यक्‍त करते हुए इसके पीछे कोरोना महामारी को एक बड़ी वजह माना है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2021 में इससे करीब 16 लाख मौत हुई हैं। रिपोर्ट की मानें तो इसमें दो वर्षों के दौरान करीब 14 फीसद की तेजी आई है। वर्ष 2019 में टीबी से मरने वालों का आंकड़ा 14 लाख था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतर्गत चलाए जा रहे ग्‍लोबल टीबी प्रेग्राम की डायरेक्‍टर टेरेजा कसाएवा का कहना है कि दो दशक में पहली बार इससे होने वाली मौतों के आंकड़ों में इतनी तेजी देखी गई है।

बढ़ गए टीबी के मरीज

डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में करीब एक करोड़ लोग इसकी चपेट में आए थे जो कि वर्ष 2020 के मुकाबले 4.5 फीसद अधिक हैं। बीते वर्ष इसके सबसे अधिक मरीब दक्षिण पूर्व एशिया में थे, जो करीब 45 फीसद तक थे। इसके बाद अफ्रीका में 23 पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 18 फीसद लोग इस बीमारी से ग्रसित थे। डब्‍ल्‍यूएचओ का कहना है कोरोना महामारी ने दूसरी बीमारियों के इलाज पर जिस तरह से पाबंदी लगाई उसकी बदौलत इसमें ये बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसकी वजह से इस बीमारी को खत्‍म करने की मुहीम पर 2019 के बाद नकारात्‍मक असर पड़ा है। इसको खत्‍म करने की प्रगति धीमी पड़ गई और कोरोना महामारी की वजह से इसके लक्ष्‍य से पीछे रह गए।

लीवर पर हमला करता है इसका बैक्‍टीरिया

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 और 2021 विश्‍व में हर एक लाख लोगों पर टीबी के मामले करीब 3.6 फीसद तक बढ़े हैं। इससे पहले इसमें दो फीसद की कमी हर साल दर्ज की जा रही थी। गौरतलब है कि ये एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बैक्टीरिया का हमला सीधा फेफड़ों पर होता है। जिस तरह से कोरोना का वायरस हवा में फैलकर दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है ठीक वैसे ही इसमें भी होता है। इसका समय पर इलाज किया जाए तो इसको फैलने से रोका जा सकता है।

खराब हो सकती है स्थिति 

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वर्तमान समय में जिस तरह से दुनिया के सामने कई तरह के संकट आ रहे हैं उसमें इसकी स्थिति और खराब हो सकती है। 2020-21 में जिन देशों में इसका सबसे अधिक असर देखा गया है उनमें भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान, नाइजीरिया, बांग्लादेश और डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो का नाम शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक 2005 से 2019 के बीच टीबी से होने वाली मौतों में कमी दर्ज की जा रही थी। 2020-21 इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

इन देशों में सबसे अधिक हुई मौत 

इस दौरान भारत में सबसे अधिक मौतें दर्ज की गईं। इसके बाद इंडोनेशिया, म्यांमार और फिलीपींस रहे। डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताई गई है यदि ऐसा ही रहा तो टीबी एक बार फिर विश्‍व के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के प्रमुख ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि इस संबंध में नए शोध और इसकी रोकथाम में गति लाना बेहद जरूरी है।