नईदिल्ली I रेप के मामले में दोषी राम रहीम की पैरोल के दौरान प्रवचन देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विवाद बढ़ता देख हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पैरोल पर आकर तो लोग रैली भी संबोधित करते रहे हैं और भी बहुत कुछ करते रहे हैं. सीएम खट्टर ने कहा कि कानून अपना काम करता है, इसमें हमारा कोई भी हस्तक्षेप नहीं है. उन्होंने जो गुनाह किया उसकी सजा वो काट रहे हैं. खट्टर ने कहा कि ये अपनी-अपनी आस्था का विषय है की कौन प्रवचन सुनने जा रहा है कौन नहीं.
बीजेपी नेताओं पर लगा आरोप
इससे पहले राम रहीम की पैरोल दिए जाने को लेकर भी विपक्ष ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला था. उस समय भी सीएम खट्टर ने राम रहीम को पैरोल दिलाने में सरकार की किसी प्रकार की भूमिका से इनकार किया था. पैरोल पर बाहर आया राम रहीम इन दिनों उत्तर प्रदेश में अपने बरनवा आश्रम से ऑनलाइन प्रवचन कर रहा है, जिसमें उसके अनुयायियों समेत हिरयाणा बीजेपी के नेताओं पर भी हिस्सा लेने का आरोप लगा है. बीजेपी नेताओं के राम रहीम के प्रवचन में हिस्सा लेने पर विपक्ष को उनपर हमला करने का मौका मिल गया है.
विपक्ष ने राज्य की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि तीन नवंबर को हरियाणा में आदमपुर उपचुनाव और पंचायत चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को 40 दिन की पैरोल देकर उसके अनुयायियों को लुभाने की कोशिश की है. वहीं, राज्य सरकार पैरोल देने में उसकी भूमिका से साफ इनकार किया है. गुरमीत राम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार और हत्या के दो मामलों में दोषी पाए जाने के बाद 20 साल की सजा काट रहे है.
राम रहीम को पहले भी मिलती रही छूट
गुरमीत राम रहीम को इससे पहले भी चुनाव की महत्वपूर्ण तारीखों के आसपास फरलो दी गई थी. 24 अक्टूबर, 2020 को हरियाणा में बड़ौदा विधानसभा उपचुनाव से पहले अपनी बीमार मां से मिलने के लिए अस्थायी रूप से जेल से रिहा किया गया. इसके बाद इसी साल फरवरी में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिनों के लिए बाहर आने की छूट दी गई थी. हरियाणा निकाय चुनाव और पंजाब में संगरूर लोकसभा उपचुनाव से पहले जून में उन्हें फिर से एक महीने की पैरोल दी गई थी.