छत्तीसगढ़

कोरबा : भू-विस्थापितों ने निकाली रैली, SECL उप क्षेत्रीय कार्यालय का किया घेराव; रोजगार और मुआवजा समेत ग्रामीणों की 14 सूत्रीय मांगें

कोरबा : कोरबा जिले में भू-विस्थापितों ने 5 किलोमीटर लंबी रैली निकाली। आक्रोशित भू-विस्थापितों ने पाली स्थित शिव मंदिर से लेकर SECL अंतर्गत सराईपाली ओपन कास्ट खदान तक रैली निकाली। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभावित परिवारों के रोजगार, बसाहट और मुआवजे से संबंधित समस्याओं का अब तक समाधान नहीं किया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने खदान में नियोजित आउटसोर्सिंग कंपनी स्टारएक्स पर कामगारों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लगातार कामगारों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। रैली निकालकर प्रदर्शनकारियों ने घंटों तक SECL उपक्षेत्रीय कार्यालय का घेराव किया। उनके पूरे खदान क्षेत्र को घेर लेने के कारण ऑफिस और ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से प्रभावित रहा।

इस बारे में जानकारी देते हुए ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष चंदन सिंह बंजारा ने बताया कि पहले भी कई बार समस्याओं को लेकर बातचीत की जा रही है, लेकिन हर बार केवल झूठा आश्वासन ही मिला। इस वजह से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया गया है। जिसके प्रथम चरण में हजारों की संख्या में रैली और प्रदर्शन के साथ 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बाद कोरबा क्षेत्रीय मुख्यालय का घेराव किया जाएगा और उसके बाद यहां के खदान को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।

भू-विस्थापित ग्रामीणों की मांग है कि पाली से 3 किलोमीटर के अंदर आधुनिकतम कॉलोनी विकसित कर पुनर्वास दिया जाए। सभी परिवार के सदस्यों (छोटे खातेदारों सहित) को रोजगार दिया जाए। रोजगार के मामलों का जल्द निराकरण किया जाए। सराईपाली ओपन कास्ट अंतर्गत आउटसोर्सिंग कंपनी के कामगारों जैसे ड्राइवर, ऑपरेटर, हेल्पर, सुपरवाइजर या अन्य किसी भी प्रकृति के कामों में नियोजित लोगों को अच्छी सुविधाएं दी जाएं और उनका आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण बंद किया जाए।

ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है और अगर इसका जल्द निराकरण नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के नेतृत्व में निकाली गई रैली में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। एसईसीएल उपक्षेत्रीय कार्यालय का घेराव करने पहुंचे लोगों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया था। हालांकि SECL का काम घंटों प्रभावित रहने से उसे लाखों का नुकसान हुआ है।