भुवनेश्वर I राजधानी भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक डॉक्टर ने इंसानियत की मिसाल कायम की है। दरअसल, यहां अस्पताल के रक्ताधान चिकित्सा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन) में तैनात एक डॉक्टर ने रक्तदान कर एक गर्भवती महिला की जान बचाई। डॉक्टर के प्रयास की चौतरफा सराहना हो रही है।
डॉक्टर देबाशीष मिश्रा ने रक्ताधान चिकित्सा विभाग में 3 नवंबर को बी-निगेटिव रक्त का एक यूनिट दान किया। गर्भवती महिला को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। बाद में महिला को 19 नवंबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
उस दिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मिश्रा को इस गर्भवती महिला के लिए खून की अति आवश्यकता का पता चला था। लेकिन उस समय तक मरीज का वहां पर कोई रिश्तेदार नहीं था। ऐसे में डॉक्टर मिश्रा ने उसकी जान बचाने के लिए अपना रक्त देने की इच्छा प्रकट की।
एम्स भुवनेश्वर ने एक बयान में कहा, रक्त बैंक में बी-निगेटिव रक्त उपलब्ध नहीं था। इस पर महिला का उपचार करने वाले डॉक्टर ने कहा, यदि मरीज को बी-निगेटिव रक्त नहीं मिलता तो उसकी जान जा सकती थी। स्त्रीरोग विभाग में कुछ दिनों तक उपचार के बाद इस महिला रोगी को छुट्टी दे दी गई I
एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेश प्रोफेसर डॉ. आशुतोष विश्वास ने डॉक्टर मिश्रा की नेकनीयती प्रशंसा की और कहा कि डॉक्टर न केवल मरीजों का उपचार करता है, बल्कि जरूरत मंद की मदद के बहुत उदार भी रहता है। उन्होंने कहा, डॉक्टर मिश्रा ने एक मिशाल कायम की है।