छत्तीसगढ़

पीएम मोदी को लेकर फर्जी खबर मामले में टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले को मिली जमानत, फिर गिरफ्तार

नईदिल्ली I अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले को एक ट्वीट से संबंधित एक मामले में जमानत दे दी, जिसे उन्होंने मोरबी पुल दुर्घटना को लेकर पोस्ट किया था। लेकिन जल्द ही मोरबी पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) जितेंद्र यादव ने कहा कि मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एम वी चौहान ने गोखले की पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद अदालत में पेश किए जाने के बाद उसे जमानत दे दी। यादव ने कहा कि इसके तुरंत बाद मोरबी पुलिस ने वहां दर्ज एक अन्य अपराध में उसे गिरफ्तार कर लिया।

साकेत गोखले को गुरुवार को अहमदाबाद की एक कोर्ट से जमानत मिलने की जानकारी तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा की। साकेत गोखले को जमानत मिलने पर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और पूर्व राज्यसभा सदस्य मजीद मेनन का शुक्रिया अदा किया था।

गुजरात पुलिस ने मंगलवार को साकेत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘फर्जी खबर’ फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सोमवार को गोखले ने नई दिल्ली से जयपुर के लिए रात नौ बजे की फ्लाइट ली थी। जब वह उतरे तो गुजरात पुलिस, जयपुर एयरपोर्ट पर उनका इंतजार कर रही थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद गुजरात पुलिस उन्हें लेकर अहमदाबाद चली गई थी।

ओ ब्रायन ने बताया था कि हिरासत के बाद गोखले ने मंगलवार की सुबह दो बजे अपनी मां को फोन किया और बताया कि गुजरात पुलिस उन्हें अहमदाबाद ले जा रही है। पुलिस ने उन्हें मात्र दो मिनट का फोन कॉल करने दिया और फिर उनका फोन और उसका सारा सामान जब्त कर लिया।

मोरबी हादसे पर पीएम मोदी को बदनाम करने का आरोप
एक दिसंबर, 2022 को, TMC के प्रवक्ता साकेत गोखले ने दावा किया था कि पुल ढहने की घटना के बाद गुजरात में पीएम मोदी की मोरबी यात्रा के लिए केवल कुछ घंटों के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। तथाकथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए गोखले ने दावा किया था कि 5.5 करोड़ रुपये विशुद्ध रूप से  स्वागत, कार्यक्रम प्रबंधन और फोटोग्राफी के लिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की कीमत 135 लोगों के जीवन से अधिक है। क्योंकि त्रासदी के 135 पीड़ितों के परिवारों को प्रत्येक को केवल 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई।