नईदिल्ली I इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला शतक ठोककर हर बल्लेबाज को खुशी होती है. अगर उसे दोहरे शतक में बदल दे तो खुशी छुपाना मुश्किल होता है. अगर इस सबके साथ कुछ रिकॉर्ड और टीम की जीत भी हाथ आ जाए तो कहने ही क्या. टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज इशान किशन भी बहुत खुश हैं क्योंकि उन्होंने वनडे क्रिकेट में न सिर्फ अपना पहला शतक ठोका, बल्कि विश्व रिकॉर्ड के साथ उसे डबल सेंचुरी में तब्दील कर दिया. टीम इंडिया को जीत भी मिल गई, फिर भी इशान को एक छोटा सा अफसोस है.
इशान ने शनिवार 10 दिसंबर की तारीख को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अमर कर दिया. इस धाकड़ बल्लेबाज ने बांग्लादेश के खिलाफ चट्टोग्राम के मैदान में सिर्फ 131 गेंदों में धुआंधार 210 रन कूटकर सबसे तेज दोहरे शतक का विश्व रिकॉर्ड कायम कर दिया. डेढ़ साल पहले अपना डेब्यू करने वाले इशान का ये पहला ही शतक था.
300 रन से चूकने का अफसोस
जिस तरह से इशान ने इस पारी में बल्लेबाजी की, उससे तो लग रहा था कि वनडे इंटरनेशनल का पहला तिहरा शतक भी बन सकता है. वह जब आउट हुए तब सिर्फ 36 ओवर हुए थे. यानी 84 गेंदें बाकी थीं और वह ऐसा कर सकते थे. अपनी इस शानदार पारी के बावजूद इशान को सिर्फ इस बात का अफसोस रह गया.भारतीय बल्लेबाज ने कहा, “जब मैं आउट हुआ था तब 15 ओवर (14.1 ओवर) बचे हुए थे. मेरे पास 300 रन बनाने का मौका था.”
बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपनी पारी में 24 चौके और 10 छक्के उड़ाए. ये उनका 10वां ही वनडे इंटरनेशनल था और उसमें ही उन्होंने सबसे कम उम्र में वनडे डबल सेंचुरी का रिकॉर्ड बना दिया. इशान की इस पारी के दम पर भारत ने बांग्लादेश के सामने 409 रन का जबरदस्त स्कोर खड़ा किया.
दिग्गजों के साथ जुड़ा नाम
वह वनडे में दोहरा शतक जमाने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज भी बने और सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा जैसे धुरंधरों के साथ उनका नाम जुड़ गया. इस पर इशान ने कहा, “ऐसे दिग्गजों के बीच अपना नाम सुनकर मैं खुश हूं. विकेट बल्लेबाजी के लिए काफी अच्छा था. मेरा इरादा बहुत साफ था अगर गेंद कमजोर होगी तो मैं उस पर प्रहार करूंगा.”