नईदिल्ली I शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘पठान’ का पहला गाना ‘बेशर्म रंग’ रिलीज होते ही विवादों में आ चुका है. ‘बेशर्म रंग’ सॉन्ग में दीपिका की ऑरेंज कलर की बिकिनी का विरोध किया जा रहा है. कई संगठनों का कहना है कि भगवा कलर आस्था का प्रतीक है. इसलिये इस रंग की बिकिनी पहनकर ‘बेशर्म रंग’ पर डांस करना ठीक नहीं है. ‘पठान’ के गाने को लेकर हो रही कंट्रोवर्सी पर अब मुकेश खन्ना ने अपनी राय रखी है.
बेशर्म रंग पर भड़के मुकेश खन्ना
पायल रोहतगी और शर्लिन चोपड़ा के बाद मुकेश खन्ना भी बेशर्म रंग सॉन्ग पर भड़कते दिखाई दे रहे हैं. मुकेश खन्ना ने शाहरुख और दीपिका की फिल्म के गाने को अश्लील करार दिया है. एक्टर ने कहा, ‘आज कल के बच्चे टीवी और फिल्म देख कर बड़े हो रहे हैं. इसलिये सेंसर बोर्ड को ऐसे गानों को पास नहीं करना चाहिए.’ मुकेश खन्ना ने सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘वो कोई सुप्रीम कोर्ट नहीं है, जिसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए.’
युवाओं और बच्चों पर पड़ता है गलत असर
मुकेश खन्ना ने बेशर्म रंग गाने को अश्लील बताया है. वो कहते हैं कि ‘हमारा देश कोई स्पेन नहीं बन गया, जो इस तरह गाने लाए जाए. अभी आधे कपड़ों में गाने बन रहे हैं. कुछ समय बाद बिना कपड़ों के गाने बनने लगेंगे.’ मुकेश खन्ना कहते हैं कि समझ नहीं आता है कि ‘सेंसर बोर्ड इस तरह गाने को पास ही क्यों करता है.’
भगवा रंग की बिकिनी पहनना है गुस्ताखी
एक्टर कहते हैं कि ‘क्या बनाने वाले को पता नहीं है कि भगवा रंग एक धर्म और सम्प्रदाय के साथ बहुत मायने रखता है. बहुत संवेदशनशील है, जिसे हम भगवा कहते हैं, जो शिवसेना के झंडे में भी है, हमारे आरएसएस में भी है. अगर उनको ये पता है, तो बनाने वाला क्या सोच कर बनाता है. मुकेश खन्ना कहते हैं कि अमेरिका में आप उनके झंडे की बिकिनी भी पहन सकते हैं. पर हिंदुस्तान में ऐसा करने की इजाजत नहीं है.’
इंटरव्यू में जब मुकेश खन्ना से पूछा गया कि पहले भी भगवा रंग कपड़े पहनकर एक्ट्रेसेज ने गाने शूट किये हैं, तब इस पर आपात्ति क्यों नहीं हुई? इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘पहले इस तरह से बिकिनी बना कर नहीं पहना गया है. अब सोशल मीडिया है, लोग अपनी आवाज उठा सकते हैं.’