नईदिल्ली I अकसर खिलाड़ी खराब प्रदर्शन के बाद टीम से ड्रॉप होते हैं लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो बेहतरीन परफॉर्मेंस करने के बाद टीम से बाहर कर दिया जाता है. बात हो रही है कुलदीप यादव की जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को जीत दिलाई, उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच मिला लेकिन अगले ही मैच में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया. कुलदीप यादव को कोई चोट नहीं लगी, वो बिल्कुल फिट हैं लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया ने ढाका टेस्ट में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी. गजब बात ये है कि टीम इंडिया ने उनकी जगह तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को मौका दिया. अब सवाल ये है कि आखिर क्यों कुलदीप यादव के साथ ऐसा होता है कि वो अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम से बाहर हो जाते हैं?
कुलदीप यादव के दूसरे टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से बाहर होने के बाद सोशल मीडिया पर फैंस अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं. लोगों को ये बात हजम नहीं हो रही कि बांग्लादेश की पिच पर टीम इंडिया तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरी है और उसने एक ऐसे गेंदबाज को मैच से बाहर रखा है जो कि पिछले मैच का बेस्ट गेंदबाज था. वैसे ऐसा पहली बार नहीं है कि जब कुलदीप यादव को इस तरह टीम से बाहर किया गया हो. इस खिलाड़ी के साथ पिछले 2-3 सालों में ऐसा व्यवहार हुआ है जो किसी भी खिलाड़ी का हौसला तोड़ सकता है.
कुलदीप यादव क्यों बनते हैं बलि का बकरा?
साल 2017 में टेस्ट डेब्यू करने वाले कुलदीप यादव ने पांच सालों में सिर्फ 8 टेस्ट मैच ही खेले हैं. गजब की बात ये है कि उनका प्रदर्शन कमाल का है लेकिन इसके बावजूद उन्हें बिना किसी वजह टीम से बाहर रखा जाता है. 14 टेस्ट पारियों में कुलदीप 34 विकेट चटका चुके हैं जिसमें वो 3 बार फाइव विकेट हॉल ले चुके हैं. कुलदीप यादव ने अपने पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच विकेट हॉल हासिल किया था और इसके बाद उस समय के हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि विदेशी सरजमीं पर कुलदीप ही टीम इंडिया के पहले स्पिनर होंगे लेकिन उनकी कथनी और करनी में जबर्दस्त अंतर दिखा. 3 जनवरी, 2019 को सिडनी टेस्ट में कमाल गेंदबाजी करने वाले कुलदीप ने अपना अगला टेस्ट 2 साल से भी ज्यादा वक्त गुजरने के बाद 13 फरवरी 2021 को खेला.
कुलदीप को चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ मौका मिला और इसके बाद फिर ये चाइनामैन गेंदबाज टीम से ड्रॉप हुआ. कुलदीप यादव लगभग 22 महीने तक टेस्ट टीम से बाहर रहे और फिर उन्हें चटोग्राम टेस्ट में मौका मिला. इस खिलाड़ी ने कमाल गेंदबाजी करते हुए 8 विकेट हासिल किए और एक बार फिर ये खिलाड़ी ड्रॉप हो गया है. अब ये नहीं पता कि कुलदीप यादव की वापसी कब होगी.
वनडे-टी20 फॉर्मेट में भी कुलदीप से नाइंसाफी
कुलदीप यादव से सिर्फ टेस्ट फॉर्मेट में नाइंसाफी नहीं हो रही. इस खिलाड़ी ने वनडे और टी20 में भी गजब गेंदबाजी की है लेकिन इसके बावजूद कुलदीप भारत की प्लेइंग इलेवन तो छोड़िए स्क्वाड में जगह नहीं बना पाते हैं. कुलदीप ने 73 वनडे में 119 विकेट हासिल किए हैं. टी20 में वो 25 मैच में 44 विकेट हासिल कर चुके हैं. ये आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि कुलदीप यादव एक विकेट-टेकर हैं हालांकि टीम इंडिया मैनेजमेंट को शायद ये बात नजर नहीं आती. शायद यही वजह है कि कुलदीप यादव ना तो एशिया कप की टीम में था, ना ही वो टी20 वर्ल्ड कप में खेले. वनडे वर्ल्ड कप में खेलना भी आप मुश्किल ही समझिए और उनका टेस्ट करियर भी टीम की अजीबोगरीब रणनीति की वजह से अंधकार में जाता दिख रहा है.