छत्तीसगढ़

Cervical Cancer: बेटियों को स्कूलों में लगेगा सर्वाइकल कैंसर का स्वदेशी टीका, सरकार ने मांगा ब्योरा

नईदिल्ली I लड़कियों व महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए सरकार स्कूल स्तर पर मुहिम शुरू करने जा रही है। इसके तहत स्कूलों में लड़कियों को स्वदेशी सर्वाइकल कैंसर रोधी टीके की खुराक दी जाएगी। नौ से 14 साल तक की आयु की लड़कियों को जिला स्वास्थ्य टीमें स्कूलों में जाकर टीका लगाएंगी। इसके लिए केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर जिलेवार छात्राओं का ब्यौरा मांगा है। बीते जुलाई में औषधि महानियंत्रक ने स्वदेशी सवाईकल कैंसर रोधी टीका को अनुमति दी थी।

पुणे स्थित सीरम कंपनी ने अनुमति मिलने के बाद टीका उत्पादन तेज कर दिया है। वहीं, बीते माह इस टीका को राष्ट्रीय टीकाकरण में शामिल करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जानकारी मिली है कि 2023 में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा ने कहा, देश की बेटियों और महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तेजी से फैल रहा है। इससे उन्हें बचाया जा सकता है लेकिन अक्सर यह देखने को मिलता है कि कैंसर फैलने के बाद मरीज इलाज के लिए उनके यहां पहुंचता है।

समय पर पहचान से किया जा सकता है बचाव
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पत्र में कहा है कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम की जा सकती है। समय पर पहचान होने से रोगी को बचाया जा सकता है। अधिकांश मामले एचपीवी वायरस से जुड़े होते हैं, जिन्हें टीकाकरण के जरिए सुरक्षित रखा जा सकता है। अभियान के प्रति जागरुकता लाने को केंद्र ने राज्यों से जिला स्तर पर शिक्षा विभाग, जिला टीकाकरण शाखा, जिला टास्क फोर्स और जिला स्वास्थ्य विभाग को मिलकर जिला मजिस्ट्रेट के अधीन कार्य करने की योजना बनाने के लिए कहा है।

स्कूलों में अलग से होंगे टीकाकरण केंद्र 
राज्यों को भेजे पत्र में केंद्र सरकार ने कहा है कि स्कूलों में अलग से एचपीवी टीकाकरण केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं, जहां लड़कियों को स्वदेशी टीका की खुराक दी जाएगी। इसके साथ ही राज्य सरकारों से अभिभावकों के बीच टीका के प्रति जागरूकता को लेकर भी काम करने की सलाह दी गई है। इसके लिए स्कूल संचालकों से सहायता ली जा सकती है और अभिभावक-शिक्षकों की बैठक कराई जा सकती हैं। इस अभियान में सरकारी के साथ साथ प्राइवेट स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा।

ये तैयारियां भी करनी होंगी

  • जिलाधिकारी के अधीन जिला टास्क फोर्स बनानी होगी।
  • प्रत्येक स्कूल में एक नोडल व्यक्ति का चयन करना और स्कूल में लड़कियों की संख्या का मिलान करना और उसे यू-विन पर अपलोड करना।

    प्रत्येक ब्लॉक में सभी प्रकार के स्कूल की एक सूची बनाकर रोग प्रतिरक्षण अधिकारियों को स्कूलों की जीआईएस मैपिंग तक पहुंचना होगा।

    कोविन की तरह काम करेगा 
    स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश भर के स्कूलों में पांचवीं से 10वीं कक्षा की छात्राओं की पूरी जानकारी यूविन प्लेटफॉर्म पर मौजूद रहेगी। यह      एक डिजिटल प्लेटफॉर्म   है जो कोरोना के समय शुरू हुए कोविन की   तरह कार्य करेगा।