नईदिल्ली I विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, ‘द क्रैकेन’ सबसे तेजी से फैलने वाला ओमिक्रॉन का सबवेरिएंट है, जिसका अभी तक पता चला है. वहीं आधिकारिक तौर पर ओमिक्रॉन का एक और सबवेरिएंट XBB.1.5 पहले से ही अमेरिका में पकड़ बना चुका है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अब यह पूरे यूके में फैलना शुरू हो गया है. साथ ही अब तक XBB.1.5 सब-वेरिएंट 29 देशों में फैल चुका है. अभी तक यह सामने आया है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है. माना जा रहा है कि यह अभी तक का सबसे तेज फैलने वाला कोरोना वायरस सब-वेरिएंट है, जिसका अभी तक चला है.
सब-वेरिएंट XBB.1.5 के बारे में चिंता की बात यह है कि वर्तमान में अमेरिका में ये कैसे बढ़ रहा है इसका पता नहीं चल रहा. वहीं इसे पहले ही ब्रिटेन और दुनिया भर के अन्य देशों में देखा जा चुका है.
ओमिक्रॉन का ही सब-वेरिएंट है XBB.1.5
डब्ल्यूएचओ की डॉ. मारिया वान केरखोव ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम यूरोप और अमेरिका के कुछ देशों में इसके विकास के बारे में चिंतित हैं. विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वोत्तर भाग में, जहां XBB.1.5 ने तेजी से अन्य सर्कुलेटिंग वेरिएंट को बदल दिया है. हमारी चिंता यह है कि यह वायरस जितना अधिक प्रसारित होगा, इसे बदलने के उतने ही अधिक अवसर होंगे. उन्होंने कहा कि XBB.1.5 ओमिक्रॉन का ही एक सब-वेरिएंट है. हालांकि कोरोना के और भी वेरिएंट एक्टिव हो सकते हैं, क्योंकि वैश्विक स्तर पर सीक्वेंसिंग की उपलब्धता कम हुई है. उन्होंने कहा कि अभी हमारे लिए ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट को ट्रैक करना मुश्किल है.’
41 फीसदी मामलों के पीछे यही सब-वेरिएंट
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में 41 फीसदी मामलों के पीछे यही सब वेरिएंट है. इस बीच यूके में, GISAID और CoVariants.org के डेटा से पता चलता है कि XBB.1.5 पिछले दो सप्ताह से 2 जनवरी तक केवल 8 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार था. लेकिन यूके के सबसे बड़े कोविड निगरानी केंद्रों में से एक, सेंगर इंस्टीट्यूट के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सभी कोविड मामलों में से आधे मामलों में एक्सबीबी.1.5 वायरस ही है.
कई देशों में मिले XBB.1.5वेरिएंट के केस
सेंगर इंस्टीट्यूट के शोध से पता चलता है कि पिछले हफ्ते 50 प्रतिशत मामले ‘क्रैकेन’ के कारण हुए थे. वहीं XBB.1.5 फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और भारत सहित देशों में भी पाया गया है. विशेषज्ञ चिंतित हैं कि XBB.1.5 का तेजी से विकास बदलाव के कारण हो सकता है जो इसे लोगों को बेहतर ढंग से संक्रमित करने और टीकाकरण और पूर्व संक्रमण से सुरक्षा को चकमा देने में मदद करता है.
तेजी से फैल रहा ‘XBB.1.5 वैरिएंट
वारविक यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर लॉरेंस यंग ने मेलऑनलाइन को बताया कि स्ट्रेन का उभरना एक ‘वेकअप कॉल’ है और यह ब्रिटेन में एनएचएस संकट को बढ़ा सकता है. उन्होंने कहा कि ‘XBB.1.5 वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक है और न्यूयॉर्क में विशेष रूप से बुजुर्गों पर हावी हो रहा है. साथ ही इम्यूनिटी में कमी, ठंड के मौसम की वजह से घर के अंदर रहना और फेसमास्क न पहनना जैसे अन्य कारण भी अमेरिका में संक्रमण को बढ़ा रहे हैं.
सतर्क रहने की जरुरत
XBB.1.5 और अन्य कोविड वेरिएंट का खतरा मौजूदा एनएचएस संकट को और बढ़ा रहा है, जिससे हमें और सतर्क रहने की जरुरत है. इसके लिए यूके में संक्रमण के स्तर की निगरानी जारी रखने की आवश्यकता है. साथ ही उन लोगों को प्रोत्साहित करें जिन्हें बूस्टर शॉट्स लगने हैं.