छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : अब ट्रेनों में बिना झटके व शोर के सफर, दुर्ग से छूटने वाली 8 ट्रेनों में लगा एलएचबी कोच, अब दुर्ग-फैजाबाद में भी

भिलाई : दुर्ग-भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस के बाद अब दुर्ग से फैजाबाद जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन भी अपग्रेड होगा। इसमें भी लिंक हॉफमैन बुश यानी एलएचबी कोच लगाई जा रही है। इसकी बोगियों में सीटों की संख्या अधिक होने से प्रतीक्षा सूची में कमी आने और इसकी अलग तकनीक के कारण शोर और हिचकोले से मुक्त यात्रा हो सकेगी। अभी तक रायपुर रेल मंडल से निकलने वाली नौ ट्रेनों में और दुर्ग से निकलने वाली 8 ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाया जा चुका है। इसके अलावा बिलासपुर मंडल के अन्य ट्रेनों में भी नया रैक लगाया जा चुका है।

इन ट्रेनों में लग चुका है लिंक हॉफमैन बुश
दुर्ग से निकलने वाली दुर्ग-अजमेर, दुर्ग-निजामुद्दीन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, दुर्ग-जम्मूतवी एक्सप्रेस, दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस, दुर्ग-कानपुर बेतवा एक्सप्रेस, दुर्ग – नवतनवा एक्सप्रेस, दुर्ग- राजेंद्र नगर दक्षिण बिहार एक्सप्रेस और दुर्ग- पुरी, दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों मे एलएचबी कोच लगाया जा चुका है। इसमें कुछ ट्रेनें रायपुर रेल मंडल की हैं तो कुछ ट्रेनें बिहार, ओडिशा और विशाखापट्नम के क्षेत्रों के नाम से वहां के मंडलों से संचालित होती है। जैसे-जैसे नए कोच आ रहे हैं, ट्रेनों के रैक बदले जा रहे।

ट्रेनों में सभी पुराने कोच बदले जा रहे
सीपीआई संजय पांडेय ने बताया कि धीरे-धीरे पुराने कोचों को बदला जा रहा है। पुराने कोच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री यानी आईसीएफ कोच को हटाया जा रहा है। इसके स्थान पर एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। इस कड़ी में बिलासपुर से निकलने और गुजरने वाली 16 ट्रेनों में नई तकनीक वाले एलएचबी कोच लगाए जा चुके हैं। इनमें बिलासपुर-भगत की कोठी, बिलासपुर- इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस, कोरबा-अमृतसर छग, कोरबा- कोच्चुवेली , बिलासपुर-बिकानेर एक्सप्रेस आदि ट्रेनें शामिल हैं। इससे यात्री को सुविधा मिलेगी।

ट्रेनों की गति बढ़ाने में होगी सहायक
नई तकनीक की कोच से ट्रेनों की गति बढ़ाने में सहायता मिलेगी। अभी तक जिन कोचों का उपयोग किया जा रहा है, उनकी अधिकतम गति 110 से 130 किमी तक की है। नए कोच लगने से इन ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी तक हो सकती है। इसके लिए ही इसे डिजाइन किया गया है। इसमें सामान्य कोचों की तुलना में अधिक सीटें हैं और यह जर्क लेस भी है। साथ ही इसमें हाइड्रोलिक सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है। इसकी वजह से दाएं और बाएं घूमने में सुविधा होती है। इससे सफर आरामदायक होगा।