बिलासपुर I बिलासपुर में एक शख्स ने अपनी पत्नी के नाम से बैंक से लोन लिया। मगर उसकी पत्नी को पता ही नहीं चला। विवाद के बाद से वह घर से चली गई थी और दिल्ली में रहने लगी थी। उधर उसे जैसे ही इस बात की जानकारी हुई, तब उसने पूरे मामले को लेकर पुलिस से शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। आरोपी ने पत्नी के फर्जी सिग्नेचर से बैंक से लोन लिया था।
सिविल लाइन टीआई परिवेश तिवारी ने बताया कि, तारबाहर क्षेत्र के विद्यानगर में रहने वाली रत्ना गुप्ता की शादी 2012 में शंकर गुप्ता से हुई थी। शादी के दो साल बाद उसे पता चला कि उसके पति का दूसरी महिला से संबंध है। इस पर दोनों के बीच विवाद होने लगा। इसके बाद 2018 में महिला दिल्ली चली गई। तब से महिला वहीं रह रही है। उसने 2021 में एक्सिस बैंक के गुरुग्राम शाखा में लोन के लिए आवेदन किया। बैंक ने उसके आवेदन को निरस्त कर दिया।
पूछताछ में पता चला कि उसके नाम पर बिलासपुर के आईसीआईसीआई बैंक व्यापार विहार शाखा में 12 लाख रुपए का लोन है। इसमें मुख्य आवेदक उनके पति शंकरलाल गुप्ता (46) हैं। इसकी जानकारी होने पर उन्होंने बैंक को ई-मेल के माध्यम से शिकायत की। इस पर बैंक की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। फिर महिला स्वयं बैंक पहुंची।
उसने बैंक अधिकारियों से लोन संबंधी दस्तावेज मांगे। इस पर बैंक अधिकारियों ने पति-पत्नी की मौजूदगी में ही लोन के दस्तावेज देने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया। एक साल पहले उन्होंने इसकी शिकायत एसपी ऑफिस में की। महिला की शिकायत पर पुलिस ने जांच के बाद आरोपी पति पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।