छत्तीसगढ़

क्या अब टीम इंडिया की जर्सी पर नहीं दिखेगा Byjus?, BCCI को स्टार स्पोर्ट्स और बायजू ने दिया बड़ा झटका

नई दिल्ली। भारतीय टीम की नीले रंग की जर्सी और खिलाड़ियों की किट को स्पॉन्सर करने के लिए कई बड़ी कंपनियां लाइन में रहती हैं। फिलहाल टीम की जर्सी और किट की स्पॉन्सर बायजू (Byjus) है, जिसने नंबवर 2023 तक बोर्ड के साथ करार को आगे बढ़ाने की डील की थी। लेकिन 9 जनवरी 2023 को बीसीसीआई (BCCI) अपेक्स काउंसिल की मीटिंग में बायजूस और ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क ने बीसीसीआई को बड़ा झटका दिया है।

दरअसल, 9 जनवरी 2023 को बीसीसीआई अपेक्स काउंसिल की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में भारतीय टीम की जर्सी स्पांसर पर चर्चा ही और मीटिंग में बायजूस (Byju’s) ने समझौते के तहत बीसीसीआई से 140 करोड़ रुपए बैंक गारंटी देने की मांग की। इसके अलावा ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क ने बीसीसीआई को झटका दिया। उन्होंने मार्च तक मैचों के ब्रॉर्डकास्टिंग के लिए बीसीसीआई से 130 करोड़ रूपए का डिस्काउंड मांगा है।

बीसीसीआई की बैठक करीब 1 घंटे तक चली। माना जा रहा है कि बायजूज भारतीय क्रिकेट टीम के जर्सी स्पांन्सरशिप से हट सकती है। दरअसल, बायजूज बीसीसीआई से 140 करोड़ रूपए बैंक गारंटी चाहती है। वहीं बीसीसीआई चाहती है कि बायजूज कम से कम मार्च महीने तक भारतीय टीम के जर्सी स्पांसरशिप बना रहे। जबकि बायजूज नवंबर 2023 तक भारतीय क्रिकेट टीम के जर्सी स्पांसरशिप बनने को तैयार है, लेकिन शर्त ये है कि इसके लिए 35 मिलियन अमेरिकी डलर की डील होनी है।

MPL अपने अधिकार KKCL को देना चाहता

ऐसा माना जाता है कि बायजूज ने फीफा सौदे के लिए 30-40 मिलियर डॉलर का भुगतान किया है। साल 2022 जून में बायजू ने बीसीसीआई के साथ साल 2023 के अंत तक 55 मिलियन डॉलर में अपना सौदा बढ़ाया था, लेकिन फिर से बीसीसीआई को डिमांड कर बायजू ने बीसीसीआई की मुश्किलें बढ़ा दी है। बायजूस ने साल 2019 में ‘ओप्पो’ की जगह ली थी। टीम किट और ‘मर्चेंडाइज’ प्रायोजक MPL ने भी बीसीसीआई को बताया कि वह अपने अधिकार केवल किरण क्लोदिंग लिमिटेड यानी केकेसीएल (KKCL) को देना चाहता है।

बता दें कि एमपीएल (MPL) हर गेम में 65 लाख रुपये का भुगतान कर रहा था और अधिकारों का हस्तांतरण पूरी तरह से नहीं हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि केकेसीएल की फीस थोड़ी कम हो सकती है क्योंकि माना जा रहा है कि एमपीएल ने एसपीओ को अपनी देनदारी का हिस्सा चुकाया है।