नईदिल्ली I आज की बात करें तो विराट कोहली के लिए एमएस धोनी से बढ़कर कोई नहीं. गाहे-बेगाहे आपको विराट कोहली, धोनी का गुणगान करते दिख जाएंगे. उन्हें अपना आदर्श, बड़ा भाई तक बताते नजर आएंगे. और ये सम्मान इसलिए क्योंकि क्रिकेट फील्ड पर कप्तान रहते धोनी ने विराट के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने उनका करियर संवारा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि धोनी-विराट का बिल्कुल ही चकाचक और मजबूत नजर आने वाला ये रिश्ता कभी टूट भी सकता था. जी हां, और ऐसा हम नहीं बल्कि ये खुलासा उस किताब में हुआ है, जिसे भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर. श्रीधर ने लिखा है.
किताब के मुताबिक, ये घटना साल 2016 की है, जब धोनी- विराट के रिश्ते कप्तानी को लेकर टूटकर बिखरने वाले थे. लेकिन, रवि शास्त्री के चलते ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने विराट को समझाया और भारतीय क्रिकेट में अनमोल दिखने वाला ये रिश्ता तब टूटने से बच गया.
‘पेज नंबर 42’ में छिपा राज
साल 2016 के वक्त टीम इंडिया के फील्डिंग कोच रहे आर. श्रीधर ने अपनी किताब ‘कोचिंग बियॉन्ड’ के पेज नंबर 42 पर जो लिखा है, वो बेहद चौंकाने वाला है. उसके मुताबिक विराट कोहली पर वनडे और टी20 के कप्तान बनने का भूत सवार था, जिसके चलते धोनी के साथ उनका रिश्ता खटाई में पड़ता दिख रहा था. आईए आपको किताब की भाषा में ही समझाएं कि आखिर उसमें ऐसा खास क्या लिखा है?
आर. श्रीधर की किताब में बड़ा खुलासा
आर. श्रीधर की किताब ‘कोचिंग बियॉन्ड’ के पेज नंबर 42 के मुताबिक, ” साल 2016 में एक समय ऐसा भी आया था जब विराट कोहली कप्तान बनने को लेकर काफी उतावले थे. उन्होंने कुछ ऐसी बातें कहीं जो बता रही थीं कि वो व्हाइट बॉल वाली क्रिकेट में भी कप्तानी करना चाहते हैं. एक शाम रवि शास्त्री ने उन्हें फोन किया और कहा देखो विराट, एमएस ने लाल गेंद वाली क्रिकेट में आपको कप्तानी दी है. आपको उनका सम्मान करना होगा. वो सीमित ओवरों वाली क्रिकेट में भी आपको कप्तानी देंगे, लेकिन जब समय सही हो. तब तक आप उनका सम्मान नहीं करेंगे तो कल जब आप कप्तान होंगे तो आपको भी आपकी टीम से सम्मान नहीं मिलेगा, चाहे कुछ भी हो रहा हो, आपको उनका सम्मान करना होगा, कप्तानी आपके पास आएगी, आपको इसके पीछे भागना नहीं है.”
बता दें कि 2017 में एमएस धोनी ने ये ऐलान कर दिया कि वो अब व्हाइट बॉल क्रिकेट में कप्तानी नहीं करेंगे. और, विराट कोहली वहां से टीम इंडिया के ऑल फॉर्मेट कप्तान बन गए.