नईदिल्ली I नेपाल में रविवार को दर्दनाक विमान हादसा हो गया. लैंडिंग से पहले ही प्लेन क्रैश कर गया. विमान में 68 यात्री समेत कुल 72 लोग सवार थे. जिसमें 5 भारतीय भी शामिल हैं. दुर्घटनाग्रस्त विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा की बतौर को-पायलट यह आखिरी उड़ान थी. प्लेन को सकुशल लैंडिंग कराने के बाद अंजू कैप्टन बनने वाली थीं. इसके लिए वह सीनियर पायलट और ट्रेनर कमल केसी के साथ उड़ान पर गई थीं.
दरअसल, फ्लाइंग कैप्टन बनने के लिए कम से कम 100 घंटे का फ्लाइंग अनुभव चाहिए होता. को-पायलट अंजू ने इससे पहले भी नेपाल के लगभग सभी विमानस्थलों में सफ़लतापूर्वक लैंडिंग कराई थी. रविवार को पोखरा के लिए उडान भरते समय कैप्टन केसी ने मुख्य पायलट की सीट पर उन्हें बैठाया था. सफल लैंडिंग के बाद अंजू को मुख्य पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था, लेकिन दुर्भाग्य कि महज 10 सेकंड की दूरी से पहले ही सारे सपने और अरमान धुएं में मिल गए.
जानकारी के मुताबिक कैप्टन कमल केसी का बतौर पायलट अनुभव 35 साल का था. केसी ने पहले भी कई पायलटों को ट्रेनिंग दी थी और उनके द्वारा ट्रेंड पायलट आज सफल कैप्टन के रूप में जाने जाते हैं. नेपाल में विमान और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की संख्या की बात करें तो अब तक कुल 104 हादसे हुए हैं, जिनमें 96 यात्री विमान और 8 हेलीकॉप्टर दुर्घटना शामिल हैं.
16 साल पहले पति की भी विमान दुर्घटना में गई थी जान
इस हादसे में एक दुर्योग ये है कि को-पायलट अंजू के पति की भी जान विमान हादसे में गई थी. दरअसल, उनके पति दीपक पोखरेल भी यति एयरलाइंस में बतौर को-पायलट तैनात थे. 16 साल पहले यानि 21 जून 2006 को यति एयरलाइंस के जिस विमान की दुर्घटना हुई थी, उसमें अंजू के पति को-पायलट थे. नेपालगंज से सुर्खेत होते हुए जुम्ला जा रहे यति एयरलाइंस का 9N AEQ विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें 6 यात्री और 4 क्रू मेंबर की मौत हो गई थी.
येति एयरलाइंस के ATR-72 विमान ने काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरी थी. इस 72 सीटर विमान में 68 यात्री और चार क्रू मेंबर्स, यानी कुल 72 लोग सवार थे. विमान पोखरा के समीप ही पहुंचा था कि लैंडिंग से महज 10 सेकंड पहले क्रैश हो गया. नेपाली मीडिया के मुताबिक ये दुर्घटना पोखरा के पुराने डोमेस्टिक एयरपोर्ट और पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच हुई. ये हादसा दिन में 11 बजकर 10 मिनट पर हुआ.
सरकार ने घोषित किया एक दिन का राष्ट्रीय शोक
इस दर्दनाक हादसे के बाद नेपाल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग के बाद एक दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है. कैबिनेट मीटिंग के बाद नेपाल सरकार ने विमान हादसे की वजह से 16 जनवरी को एक दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान कर दिया है. सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का भी गठन कर दिया है. प्रधानमंत्री प्रचंड रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के लिए खुद पोखरा जाने का ऐलान किया था, लेकिन सिक्योरिटी का जायजा लेने गया हेलिकॉप्टर खराब मौसम के कारण बीच रास्ते से ही वापस आ गया. इसके बाद पीएम प्रचंड का पोखरा दौरा रद्द कर दिया गया है.
मौसम नहीं, तकनीकी खराबी हादसे की वजह
नेपाल की एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि विमान हादसा मौसम नहीं बल्कि तकनीकी खराबी की वजह से हुआ. एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से ये भी कहा गया है कि विमान के पायलट ने एटीसी से लैंडिंग के लिए परमिशन ले ली थी. पोखरा एटीसी की ओर से लैंडिंग के लिए ओके भी कह दिया गया था. सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थीं इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना हुई, ये बात नहीं कही जा सकती.