छत्तीसगढ़

रायपुर में फिर हो गया मर्डर, आपसी झगड़े में बदमाश ने कमर से निकाला चाकू, किए कई वार, युवक की मौके पर मौत

रायपुर I रायपुर में फिर एक हत्याकांड हो गया। शहर में फिर से एक चाकूबाजी की घटना हुई है। दो युवकों के बीच का आपसी विवाद इस कदर बढ़ा कि बात मारपीट तक जा पहुंची। इसी बीच बदमाश ने चाकू से सामने खड़े युवक पर हमला किया। इस हमले में युवक की मौके पर ही मौत हो गई।

ये वारदात राजधानी के कबीर चौक में हुई। ये इलाका गुढ़ियारी के रामनगर चौकी के पास स्थित है। लोगों ने चौकी में खबर दी मगर तब तक इस कांड में शामिल बदमाश फरार हो गए थे। पुलिस मृतक के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। गुढ़ियारी इलाके में छापेमारी कर पुलिस हत्याकांड में शामिल युवकों को तलाशने की बता कर रही है। पता चला है कि इस हत्या को अंजाम देने वाले इसी क्षेत्र के पुराने बदमाश हैं।

कुछ युवकों और इस कांड में मारे गए युवक के बीच बहस होते हुए स्थानीय लोगों ने देखा इसके बाद मारे गए युवक पर हमला कर दिया गया। चाकू से उसके कमर के नीचले हिस्से पर वार हुए। वह खुद को बचाने का प्रयास कर रहा था। काफी खून बहने लगा वो जमीन पर गिर पड़ा और बदमाश भागने में कामयाब रहे। अब पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

15 दिन में 4 मर्डर
बीते 15 दिनों में रायपुर में इस घटना को मिलाकर 4 लोगों को हत्या हो चुकी है। पिछला ताजा मामला दलदल सिवनी इलाके का है। दो युवकों को इस क्षेत्र के पुराने बदमाशों ने चाकू मारा था, उनकी हत्या की थी। इस महीने के शुरुआती सप्ताह रायपुर के टेकारी इलाके में अपनी ही मां की हत्या एक युवक ने की थी। कमल नाम के युवक ने अपनी मां फूलबाई के सिर पर फावड़ा मारकर उसकी जान ले ली थी।

मां की हत्या के आरोपी कमल ने पुलिस को बताया कि सुबह मां खाना बना रही थी। सब्जी बासी थी। मां सब्जी नहीं बनाने वाली थी। मैंने उसे कहा कि सब्जी बना दे। मगर वह नहीं मानी। बस इस बात को लेकर मां को कमल खरी खोटी सुनाने लगा। मां ने पलटकर कह दिया काम-धाम तो करता नहीं है, सिर्फ खाने की बात। इतना सुनकर बेटे का पारा हाई हो गया, फावड़ा उठाकर दो-तीन बार मां के सिर पर इसने वार कर दिया। इससे बुजुर्ग फूलबाई की मौत हो गई।

पुलिस की कार्रवाई का डर नहीं
दलदल सिवनी कांड के बाद गुरुवार को ही दिन भर 100 से ज्यादा अफसर और पुलिस के जवान बदमाशों को पकड़ने में लगे रहे। दिनभर में इतने बदमाशों को पकड़ा गया कि थाने में इन्हें रखने की जगह ही नही थी। सिविल लाइंस थाने के बाहर इन बदमाशों को रखा गया। रस्सों से इन बदमाशों को घेरकर पुलिस के जवान खड़े थे। सड़क पर इन्हें लाया गया तो लगा किसी संगठन की बड़ी रैली या जुलूस निकला हो। थाने के बाद इन्हें अलग-अलग बसों के जरिए कोर्ट ले जाया गया वहां पेशी के बाद इन्हें जेल भेजा गया। मगर फिर रविवार को हुई वारदात बता रही है कि चाकूबाजों में कार्रवाई का डर नहीं है।