नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक और सफलता हासिल हुई है। इस जानलेवा संक्रामक रोग से बचाव करने वाली पहली देसी नेजल वैक्सीन अगले महीने फरवरी के पहले हफ्ते में बाजार में आ जाएगी। भारत बायोटेक कंपनी के मुताबिक इस वैक्सीन की कीमत निजी बाजार में 900 रुपये होगी जबकि भारत सरकार और राज्य सरकारों को इसकी आपूर्ति 325 रुपये में होगी।
इनकोवैक के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल रहे हैं सफल
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक का कहना है नाक से दी जाने वाली इस बूस्टर डोज ‘इनकोवैक’ के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल सफल रहे हैं। हाल ही में इस कंपनी ने इनकोवैक (बीबीवी154) को देश में बूस्टर डोज घोषित किया है। हालांकि कोविन पर भी यह वैक्सीन फिलहाल उपलब्ध नहीं है। भारत बायोटेक के अधिशासी अध्यक्ष डा.कृष्ण एला ने बताया कि इस वैश्विक महामारी में हमने जो भी लक्ष्य तय किए उन्हें हासिल कर लिया है। हमने कोवैक्सीन और इनकोवैक वैक्सीनों को देश में ही विकसित किया है। कोविड रोधी यह दोनों वैक्सीनें दो विभिन्न तरीकों से काम करती हैं। कोवैक्सीन का हाथ में इंजेक्शन लगता है और इनकोवैक की बूंद नाक में डाली जाएगी। नेजल ड्राप वाली नई वैक्सीन अत्यधिक प्रभावशाली बताई जा रही है। भारत बायोटेक की इनकोवैक पहली ऐसी बूस्टर डोज होगी।
रेबीज की वैक्सीन का बैच वापस मंगाया हैदराबाद
भारतीय फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने रेबीज की वैक्सीन चिरोराबा के एक बैच को खुद ही वापस मंगवा लिया है। चिरोराबा वैक्सीन उन लोगों को दी जाती है जिन्हे रेबीज के संक्रमण का शिकार होने का अधिक खतरा रहता है। बायोटेक कंपनी ने बयान में कहा कि जनहित में 4188 नंबर के बैच के वापस मंगाया जा रहा है जो कर्नाटक में शिपिंग सेवा के दौरान चोरी हो गया था। चोरी के दौरान इन वैक्सीन की कोल्ड स्टोरेज की स्थिति का कोई अंदाजा नहीं है।