छत्तीसगढ़

जन्मकुंडली नहीं बल्कि हेल्थ कार्ड से होगी शादी, सरकार जल्द जारी करेगी यह नया कार्ड; छत्तीसगढ़ से शुरू होगा अभियान

नईदिल्ली I हमारे समाज में पारम्परिक तौर पर शादी के समय लड़का और लडकी की कुंडली मिलायी जाती है। अधिकतर गुणों के मिलने के बाद ही शादी की जाती है। लेकिन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुंडली की जगह हेल्थ कार्ड बना रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने बताया कि हमारे देश में कुछ ऐसी बीमारी है जिससे यदि पुरुष और महिला संक्रमित है तो उसका असर उसके बच्चे पर होगा।

डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि ऐसी ही बीमारी सिकल सेल एनीमिया की है। इसे ध्यान में रखते हुए ट्राइबल लोगों के लिए खास तौर पर हेल्थ कार्ड जारी किया जा रहा है। जिसका मकसद सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर काबू पाना है। इसके लिए साल 2047 का डेडलाइन तय किया गया है।

क्या है यह बीमारी?

सिकल सेल एनीमिया बीमारी खास तौर पर ट्राइबल बच्च्चों में होती है। इस बीमारी का असर ऐसा है कि बच्चा एक उम्र की सीमा पार करके उसके जीवन की संभावना काफी कम रह जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए नया टेस्ट और कार्ड शुरू किया जा रहा है। जिससे कि लड़का और लड़की का हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है जिससे कि इस तरह की बीमारी का पता लगाया जा सके और

पति पत्नी को कराना होगा टेस्ट

डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि अधिकतर ट्राइबल इलाके के लोगो में यह बीमारी होती है। ऐसे में ट्राइबल लोगों में पहले यह टेस्ट शुरू किया जाएगा। यदि दोनो की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी तो उन्हें बच्चा नहीं करने की सलाह दी जाएगी।

टेस्ट का रिपोर्ट आएगा जल्द

पहले सिकल सेल एनीमिया का टेस्ट में समय लगता था लेकिन अब तत्काल प्रभाव से टेस्ट हो पाएगा और रिजल्ट भी जल्दी आ जाएगा। इससे यह पता चल पाएगा कि व्यक्ति सिकल सेल बीमारी से पीड़ित है अथवा नहीं। देश के 200 ऐसे जिले हैं जहां इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अधिक है। जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ से शुरू होगा अभियान

अभियान की शुरुआत छत्तीसगढ़ से होगी। इसके लिए राज्य सरकार को धन मुहैया कराया जाएगा। डॉ मनसुख मांडविया ने बताया कि यह शुरूआत उन राज्यों को चुना गया है जहां सबसे अधिक ट्राइबल रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए 40℅ धन राज्य सरकार और 60℅ धन केन्द्र सरकार देगी।