छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ की हड़ताल, सड़क पर उतर दिखाई ताकत, 1147 केंद्रों में लटक रहे ताले

बीजापुर : बीजापुर में पिछले 11 दिनों से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर बेमुद्दत हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ ने आज सड़क पर उतर कर अपनी ताकत दिखाई हैं। अब संघ की महिलाएं बुधवार को धरना स्थल में थाली- ताली बजाकर बजट की प्रतियां जलायेंगी।

प्रांतीय आह्वान पर 28 जनवरी से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के 1147 आंगनबाड़ी केंद्रों की 2000 कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से इसका सर्वाधिक असर जिले भर के 60369 गर्भवती, शिशुवती व एनिमिक महिलाओं सहित सामान्य बच्चे,कुपोषित बच्चे व किशोरी बालिका पर पड़ रहा हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की महिलाओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय में अपनी ताकत दिखाते हुए नगर में बड़ी रैली निकाली, जो नगर भ्रमण के बाद वापस धरना स्थल पहुंची। यहां धरना स्थल में संघ ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा।

वहीं केंद्रों को खोलने विभाग के अफसर लगातार संघ पर दबाव बनाकर चाबी मांग रहे है। लेकिन संघ के पदाधिकारीयों ने प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर चाबी देने से मना कर दिया हैं। नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बुधवार को धरना स्थल में ताली थाली बजाकर जहां सरकार को जगायेंगे वहीं बजट की प्रतियों को भी जलायेंगी। आंगनबाड़ी संघ 409 की जिलाध्यक्ष रेहाना खान ने बताया कि बंद केंद्रों को खोलने के लिए अफसर चाबी मांग रहे हैं। लेकिन प्रांतीय नेतृत्व ने चाबी देने से साफ मना कर दिया हैं। खान ने बताया कि बुधवार को संघ ने निर्णय लिया है कि धरना स्थल में ही ताली थाली बजाकर बजट की प्रतियां जलायेंगी। 

इधर विभाग के अफसरों का दावा है कि जिले के कुछ जगहों पर मितानिन और बिजादुतिर की स्वयंसेवकों से काम लिया जा रहा हैं। जिला महिला बाल विकास अधिकारी लुपेंद्र महिनाग ने कहा कि केंद्र कार्यकर्ताओं का नहीं है। ये सरकारी है और हमें केंद्र का संचालन करना हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रों की चाबी मिल जाने से मितानिन व बिजादुतिर की स्वयंसेवकों के जरिये वैकल्पिक व्यवस्था कर केंद्रों का संचालन किया जाएगा।

फैक्ट फाइल
1147 आंगनबाड़ी
34800 बच्चे
5278 गर्भवती महिलाएं 
3948 शिशुवती महिलाएं
9479 एनिमिक महिलाएं
6864 कुपोषित बच्चे

ये हैं आंगनबाड़ी संघ की मांग
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर नर्सरी शिक्षक उन्नयन कर कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए।
आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत व कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति देकर विभागीय सेवा भर्ती नियम में संसोधन किया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रायमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा व वेतन दिया जाए।
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए, तथा क्रेस कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाए।

रिटायरमेंट के बाद कार्यकर्तओं को 5 व सहायिकाओं को 3 लाख रुपये एकमुश्त दिया जाए। साथ ही मासिक पेंसन ग्रेज्युटी व समूह बीमा योजना लागू किया जाए।
प्रदेश स्तर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए एवं पोषण ट्रेक व अन्य कार्य के लिए मोबाइल नेट चार्ज नहीं दिया जाता। तब तक मोबाइल पर कार्य का दबाव न दिया जाए।