रायपुर : रायपुर पुलिस ने फर्जी गूगल कस्टमर केयर यानी जामताड़ा गिरोह के पांच अंतर्राज्यीय ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी बैंक खातें में मोबाइल अपडेट करने के नाम पर लोगो को झांसे में लेते थे। इसके बाद ठगी को अंजाम देते थे। आरोपी बैंक खातों में लिंक मोबाइल नम्बर को अपडेट करने और विभिन्न रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड कराकर लोगों को अपने झांसे में लेकर देश भर में ठगी करते थे। आरोपियों ने थाना पण्डरी एवं पुरानी बस्ती में दर्ज प्रकरण के चारों प्रार्थियों से 19 लाख 54 040 रुपए की किए हैं। थाना पण्डरी के अपराध क्रमांक 14/2023 धारा 420 भादवि के प्रार्थी सुदर्शन जैन के प्रकरण में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट की साईबर विंग ने घटना घटित होने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रार्थी के खाते में 11 लाख रुपए वापस कराए जा चुके हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में प्रार्थी सुदर्शन जैन के साथ ठगी की घटना घटित होने के उपरांत पूर्व में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट की साईबर विंग द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ कर लेन-देन एवं अन्य समस्त जानकारियां प्राप्त करते हुए जिन खातों में आवेदक द्वारा रकम स्थानांतरण किया गया था । उनकी जानकारी प्राप्त कर साईबर विंग द्वारा प्रार्थी के खाते में कुल 11,00,000/- रूपये वापस कराया जा चुका है।
दोनों घटनायें गंभीर प्रवृत्ति की होने से घटना को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर/अपराध अभिषेक माहेश्वरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम देव चरण पटेल को अज्ञात आरोपियों की पतासाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने निर्देशित किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना पण्डरी पुलिस की संयुक्त टीम ने घटना के संबंध में प्रार्थी टीम के सदस्यों द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थिया से विस्तृत पूछताछ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा जिस मोबाईल नंबरों से प्रार्थी के मोबाईल फोन पर किया गया था, उन मोबाईल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करने के साथ ही जिन खातों में रकम स्थानांतरित किये गये थे। उन खातों के संबंध में भी संबंधित बैंकों से दस्तावेज व जानकारी प्राप्त की जाकर अज्ञात आरोपी को चिन्हांकित करने के प्रयास किये जा रहे थे। इसी दौरान अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी में लगी टीम को मोबाईल नंबरों तथा दस्तावेजो का लगातार विश्लेषण करते हुए आरोपी को चिन्हांकित करने में सफलता मिली। आरोपियों को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में लोकेट किया गया। जिस पर टीम के सदस्यों को पश्चिम बंगाल रवाना किया गया।
टीम के सदस्यों ने दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) पहुंचकर लगातार कैम्प करते हुए आरोपियों की पड़ताल करने पर यह सुनिश्चित हुआ कि आरोपियों द्वारा बहुत ही सर्तकता से अपनी स्वयं की पहचान छिपाते हुये इस तरह की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है। आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये मोबाईल नंबर फर्जी होने के साथ ही बैंक खातों के पते भी दूसरे स्थानों के थे। आरोपियों द्वारा उन मोबाईल नंबरों एवं खातों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ ठगी की वारदात को कारित करने के लिए किया गया था। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में कैम्प कर रही टीम को तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों के दुर्गापुर स्थित एक मकान में होने की जानकारी प्राप्त हुई जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा उक्त मकान में रेड कार्यवाही की गई मकान में पांच व्यक्ति उपस्थित थे।
पूछताछ में व्यक्तियों ने अपना नाम एम.डी. आलम, दिनेश राय, प्रकाश राजवार, महेन्द्र सिंह तथा रोहित कुमार यादव निवासी देवघर झारखण्ड का होना बताया गया। घटना के संबंध में कड़ाई से पूछताछ करने पर उनके द्वारा उक्त ठगी की घटनाओं को कारित करने के अलावा देशभर में मोबाईल नम्बर अपडेट करने के नाम पर अलग-अलग लोगों को अपना शिकार बनाते हुए लाखों रूपए की ठगी करना बताया गया।
जिस पर टीम के सदस्यों ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार उनके कब्जे से घटना से संबंधित 16 नग मोबाइल फोन, विभिन्न कम्पनियों के 151 नग सिम कार्ड एवं अलग- अलग बैंको के 11 नग ए.टी.एम. कार्ड जब्त कर आरोपियों को ट्रांजिस्ट रिमाण्ड पर दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) से रायपुर लाया गया है।