छत्तीसगढ़

त्रिपुरा इलेक्शन 2023: त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों पर मतदान आज , 259 उम्मीदवारों की किस्मत होगी EVM में बंद

अगरतला : त्रिपुरा विधानसभा के लिए आज यानी गुरुवार को मतदान होगा। करीब एक महीने से चला आ रहा चुनाव प्रचार का शोर मंगलवार को थम गया था। आज आठ जिलों के कुल 60 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। इसके लिए 31 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 259 प्रत्याशी मैदान में हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। चुनाव अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) और राज्य पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

जानकारी के मुताबिक करीब 31,000 मतदान कर्मी 2504 स्थानों पर अपने निर्धारित 3,327 मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गीते किरणकुमार दिनकरराव के अनुसार 2018 के विधानसभा चुनाव में 24 महिलाओं सहित 297 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

28 लाख मतदाता करेंगे भाग्य का फैसला

मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण गीते के मुताबिक त्रिपुरा की अंतिम मतदाता सूची में 28,13,478 मतदाता हैं, जिनमें से 14,14,576 पुरुष, 13,98,825 महिलाएं और 77 किन्नर मतदाता हैं, यहां 10,344 सर्विस वोटर हैं। उन्होंने बताया कि 80 से अधिक आयु वर्ग में 38,039 मतदाता और 100 से अधिक आयु वर्ग के 679 मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि 18-19 वर्ष के आयु वर्ग के बीच 65,044 मतदाता पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें से 34,704 पुरुष, 30,328 महिलाएं और 12 किन्नर हैं।

चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात

एक वरिष्ठ पुलिस के मुताबिक राज्य में हिंसा मुक्त और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ की 400 कंपनियां (30,000 सुरक्षाकर्मी) भेजी हैं। सीएपीएफ के अलावा, असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, लगभग 9,000 टीएसआर जवानों और 6,000 से अधिक त्रिपुरा पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है।

भाजपा के सबसे ज्यादा उम्मीदवार

सीईओ के मुताबिक त्रिपुरा विधानसभा में इस बार 31 महिलाओं सहित कुल 259 प्रत्याशी मैदान में हैं। सबसे ज्यादा (55) उम्मीदवार सत्तारूढ़ भाजपा ने खड़े किए हैं, जबकि उन्होंन गठबंधन सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को 5 सीटें दी हैं। वाम-कांग्रेस गठबंधन में वाम मोर्चे ने 47 उम्मीदवार खड़े किए जबकि कांग्रेस को गठबंधन के तहत 13 सीटें मीली हैं। इसके अलावा टिपरा मोथा पार्टी ने 42 और तृणमूल कांग्रेस ने 28 उम्मीदवारों को मैदान में उताारा है। इस बार 58 निर्दलीय उम्मीदवार और विभिन्न छोटे दलों के 14 उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। चुनाव का नतीजा 2 मार्च को आएगा।

एक सीट पर भाजपा-आईपीएफटी का दोस्ताना मुकाबला

इस बार भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन में एक सीट पर दोस्ताना मुकाबाल हो रहा है। भाजपा ने गठबंधन के तहत आईपीएफटी को पांच सीटें दी थीं, लेकिन सहयोगी दल ने छह उम्मीदरवार खड़े कर दिए। दक्षिणी त्रिपुरा के अम्पीनगर में, भाजपा ने पाताल कन्या जमातिया को उम्मीदवार बनाया है, जबकि आईपीएफटी ने मौजूदा विधायक सिंधु चंद्र जमातिया को मैदान में उतारा है।

प्रधानमंत्री सहित इन दिग्गजों ने किया प्रचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन (दक्षिणी, उत्तरी और पश्चिमी त्रिपुरा) रैलियों को संबोधित किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में कई रैलियों को संबोधित किया। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सबार्नंद सोनोवाल, स्मृति ईरानी, अर्जुन मुंडा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सभाओं को संबोधित किया। इनके अलावा पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, विधायक अग्निमित्रा पॉल, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती और हेमा मालिनी और सहित कई अन्य दिग्गजों ने रैलियों को संबोधित किया।

ममता, येचुरी, अधीर और अभिषेक भी पहुंचे

माकपा-कांग्रेस की गठबंधन की रैलियों और चुनाव प्रचार करने के लिए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पोलित ब्यूरो सदस्य प्रकाश करात, बृंदा करात, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार और कई अन्य वामपंथी नेताओं ने वाम दलों और कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद दीपा दासमुंशी, कांग्रेस नेता अलका लांबा और पार्टी के कुछ अन्य केंद्रीय नेताओं ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी त्रिपुरा में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।

सिंगल डिजिट पर सिमट जाएगी भाजपा: माकपा

मापका की राज्य समिति के सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा, इस बार त्रिपुरा की जनता ने अपने एजेंडे तय कर लिए हैं। भाजपा एक अंक में आ जाएगी, जबकि भाजपा की गठबंधन की सहयोगी आईपीएफटी का यह आखिरी चुनाव होगा। माकपा नेता ने कहा कि चुनाव के इतिहास में लोग अपना एजेंडा तय कर रहे हैं। लोग कुशासन से मुक्ति पाने के लिए 16 फरवरी का इंतजार कर रहे हैं।

टिपरा मोथा होगा किंगमेकर: विजय

टिपरा मोथा के अध्यक्ष बिजॉय कुमार ह्रांगखावल ने कहा, त्रिपुरा विधानसभा के आगामी त्रिकोणीय चुनावों में बिना किसी गठबंधन या पार्टी के बहुमत हासिल करने में गतिरोध की स्थिति में किंगमेकर की भूमिका में आने के लिए तैयार है। टिपरा मोथा के मुताबिक किसी भी पार्टी या गठबंधन (या तो भाजपा या कांग्रेस-वाम गठबंधन) को बाहर से समर्थन देने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए एक शर्त माननी होगी। वह यह कि सरकार बनाने वाली पार्टी को लिखित में एक अलग आदिवासी राज्य के निर्माण की हमारी मांग को माननी होगी।

भाजपा को मिलेंगी 36 से ज्यादा सीटें: साहा

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दावा किया है कि इस बार भाजपा 36 से अधिक सीटें हासिल करेगी और फिर से सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, 2018 के मुकाबले से कम नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 36 सीटें मिली थीं और भाजपा की सहयोगी को 8 सीटें। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को 36 से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी।

सत्ता से बाहर होगी भाजपा: डॉ. अजय

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और त्रिपुरा के प्रभारी अजय कुमार ने कहा कि भाजपा सत्ता से बाहर हो रही है। हमारे पास जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक खुद मुख्यमंत्री माणिक साहा हार रहे हैं। कांग्रेस-वाम गठनबंधन की सरकार बन रही है। लोगों ने भाजपा के कुशासन से मुक्ति पाने का मन बना लिया है। इस बार भाजपा गठबंधन बुरी तरह हार रही है।

इन सीटों पर रहेंगी सबकी नजरें

राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मानिक साहा सीट टाउन बोरदोवाली से ही चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के आशीष कुमार साहा से होगा। इस सीट पर सबकी नजरें रहेंगी। इसी तरह से राज्य के उपमुख्यमंत्री जिष्णुदेव वर्मा चारीलम विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस सीट पर भी सबकी नजरें रहेंगी। केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक को धनपुर सीट से उतारा है, इस पर भी सबकी नजर रहेगी।