नई दिल्ली। रहाणे, विराट कोहली जितने आक्रामक नहीं थे। ना ही वह एमएस धोनी की तरह शांत थे। इसके बावजूद भी वह भारत के टेस्ट कप्तान रहे। रहाणे ने हमेशा आक्रामकता और संयम के बीच संतुलन बनाया। भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने अपनी किताब ‘कोचिंग बियॉन्ड’ में रहाणे की कप्तानी के बारे में यह लिखा है। उन्होंने इसके साथ पृथ्वी शॉ के साथ हुई एक घटना का जिक्र भी किया, जब अजिंक्या रहाणे ने पृथ्वी शॉ को डांट दिया था।
श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा कि जब भारत यह घटना थी जब भारत सिडनी में एक वार्म-अप मैच खेल रहा था। पृथ्वी शॉ शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे थे। तभी बल्लेबाज ने स्वीप शॉट मारा। पृथ्वी ने गेंद को रोकने की कोशिश की, लेकिन गेंद घुटने के नीच लगी।
अजिंक्या रहाणे ने पृथ्वी शॉ को लगाई थी डांट
इस पर वह लड़खड़ाते हुए पवेलियन की तरफ जाने लगे। स्लिप पर खड़े अजिंक्या रहाणे उनके पास गए और कहा, ‘एक और कदम मत उठाओ। मैदान पर कोई भी आपकी जगह नहीं लेगा। मुझे पता है कि आपके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ है, मैंने देखा कि गेंद कहा लगी है।”
भारत के लिए की है 6 मैच में कप्तानी
श्रीधर ने लिखा कि अजिंक्या रहाणे को छल कपट नहीं पंसद था। क्योंकि भारत के पास कोई बैकअप खिलाड़ी नहीं था। बता दें कि 2017 और 2021 के बीच रहाणे ने 6 टेस्ट में भारत की कप्तानी की। इसमें से चार जीते और दो ड्रॉ रहे। उन्होंने भारत के कप्तान के रूप में एक भी टेस्ट नहीं गंवाया है।
कप्तान के रूप में रहाणे की जीत का प्रतिशत 66.66 है। भारत के कप्तान के रूप में सौरव गांगुली के शासनकाल के दौरान राहुल द्रविड़ ने जो भूमिका निभाई थी, वही भूमिका रहाणे ने कोहली युग में निभाई थी।