मुंबई। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिह्न ‘तीर और कमान’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के पास रहेगा। हालांकि, चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर अब महाराष्ट्र में सियासी खींचतान देखने को मिल रही है। बता दें कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के पास जाने के बाद अब पार्टी ऑफिसों के नियंत्रण को लेकर राज्य में नई लड़ाई दिखाई दे सकती है।
दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने शनिवार को कहा है कि वह दादर स्थित पार्टी मुख्यालय शिवसेना भवन को अपने कब्जे में नहीं लेगी। हालांकि, शिंदे गुट को मिली बड़ी जीत के बाद पार्टी कार्यालयों को लेकर दोनों गुटों के बीच नई लड़ाई देखने को मिल सकती है। शनिवार को रत्नागिरी के दापोली में एक स्थानीय शाखा के नियंत्रण को लेकर दोनों पक्षों के बीच झड़प भी हुई।
इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के पदाधिकारियों ने कहा है कि शाखा नेटवर्क अभी भी उनके साथ है और कहीं नहीं जाएगा। दूसरी ओर कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा कि शिंदे गुट चरणबद्ध तरीके से शाखाओं को अपने नियंत्रण में ले सकती है। बताते चलें कि शिवसेना की मुंबई में 227 शाखाएं हैं और सीएम शिंदे के गढ़ ठाणे और मुंबई महानगर क्षेत्र में लगभग 500 शाखाएं हैं, लेकिन ज्यादातर शाखाएं प्रमुखों, स्थानीय नेताओं और ट्रस्टों के स्वामित्व में हैं। लगभग किसी भी शाखा का स्वामित्व शिवसेना पार्टी के पास नहीं है।
शिंदे गुट ने कहा- शाखाओं से हटाई जाएगी उद्धव की तस्वीर
दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे के समूह को शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के साथ ही राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने शिवसेना के धन और वित्त पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। ठाकरे खेमे में इस बात की चिंता है कि आने वाले दिनों में शिंदे गुट पार्टी की जेब को भी नियंत्रित कर लेगा। शिंदे गुट के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि शाखा प्रमुख अब वास्तविक शिवसेना के प्रति वफादारी की शपथ लेंगे और इसका पहला संकेत शाखाओं से उद्धव और आदित्य की तस्वीरों को हटाना होगा। इसकी जगह सीएम शिंदे की तस्वीर लगाई जाएगी।
संजय राउत ने की चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना
शिवसेना (यूबीटी) ने शुक्रवार को कहा कि वह पार्टी के मूल नाम ‘शिवसेना’ और उसके चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता वाले गुट को देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देंगे। शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने चुनाव आयोग के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह सच्चाई और न्याय का मजाक है।