नई दिल्ली: बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस समय एनडीए से अलग होकर विपक्षी ताकत को एकजुट करने में लगे हैं। हाल ही में नीतीश कुमार ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नाम एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस देरी न करे तो अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी 100 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी। उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी को सीधा मैसेज दिया है। इसपर कांग्रेस की तरफ से भी जवाब आया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हमने कभी भारतीय जनता पार्टी से समझौता नहीं किया। रमेश ने आगे कहा कि मैं एक बार फिर बता देना चाहता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा विपक्षी एकता के लिए नहीं थी।
आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने नीतीश के ऑफर के जवाब में कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ की शुरुआत हुई। युवाओं में नया जोश आया है, संगठन में परिवर्तन देखा गया है। हम मानते हैं कि विपक्ष की एकता जरूरी है। रमेश ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि विपक्ष की एकता के लिए भारत जोड़ो यात्रा नहीं थी। हां, इसका परिणाम हो सकता है। जो नीतीश कुमार जी ने बयान दिया है। हम उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने माना है कि भारत जोड़ो यात्रा का केवल कांग्रेस नहीं, भारतीय राजनीति पर भी असर हुआ है। अपनी भूमिका हम अच्छी तरह से जानते हैं। कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसने भाजपा के साथ कहीं भी समझौता नहीं किया है।
इशारों-इशारों में बीजेपी से समझौता करने वाली पार्टियों पर साधा निशाना
जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कई ऐसी राजनीतिक विपक्षी पार्टियां हैं जो मल्लिकार्जुन खरगे की मीटिंग में बैठती तो हैं लेकिन, उनका मन सत्ता पक्ष की ओर ही होता है। हमारा बीजेपी की तरह दो चेहरा नहीं है बल्कि एक ही चेहरा है। अडानी मुद्दे को उठाते हुए जयराम रमेश ने कहा कि हम इस हिंडनबर्ग मामले पर जेपीसी की मांग करते हैं। रमेश ने आगे कहा कि कई पार्टी ऐसी भी रहीं जिन्होंने जेपीसी की मांग न कर सुप्रीम कोर्ट जाना तय किया। इससे वह पीएम मोदी से बचना चाहते हैं। हम किसी को सर्टिफिकेट नहीं बांट रहे हैं।
मैंने पहले ही कहा है कि विपक्ष की एकता के लिए भारत जोड़ो यात्रा नहीं थी। हां, इसका परिणाम हो सकता है। जो नीतीश कुमार जी ने बयान दिया है। हम उसका स्वागत करते हैं।
नीतीश कुमार ने 100 सीटों वाली कौन सी बात कही थी
सीएम नीतीश कुमार कल यानि 18 फरवरी को पटना में आयोजित सीपीआई-एमएल के राष्ट्रीय अधिवेशन में बोल रहे थे। नीतीश ने विपक्षी एकता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पीएम पद को लेकर मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। कांग्रेस के बारे में नीतीश ने कहा कि अब पार्टी को भारत जोड़ो यात्रा के बाद आगे आना चाहिए और विपक्षी एकजुटता में देरी नहीं करनी चाहिए। हम बदलाव चाहते हैं। अब फैसला कांग्रेस को करना है। जो सब तय करें वही होगा। नीतीश ने आगे कहा कि मैंने राहुल और सोनिया गांधी से दिल्ली में भी मुलाकात की थी। हम तो इंतजार कर रहे हैं। अगर सब एकजुट हो जाएं तो बीजेपी 100 सीटों के अंदर खिसक जाएगी।