रायपुर : रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा और व्यवस्था देने के लिए रेलवे लगातार कार्य करता रहता है। इसी क्रम में अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) की छत्तीसगढ़ में फिर एक नई सुविधा देने जा रहा है। अब पुराने आईसीएफ कोच को हटाकर नई तकनीक के एलएचबी कोच लगा रहा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके और उनका सफर आरामदायक रहे। अब छ्त्तीसगढ़ से होकर गुरजरने वाली 19 ट्रेनों में 21 रैक के कुल 624 एलएचबी कोच के साथ चलाई जा रही है।
भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम सन् 1999 में शामिल
एलएचबी नाम सर्वप्रथम जर्मनी कंपनी लिंक हॉफमैन बुश के पर है। यह भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम सन् 1999 में शामिल किया गया था। अब इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्टरी में कर रहे हैं। इसको 160 से अधिक गति है। एक सामान्य आईसीएफ स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती है। एलएचबी स्लीपर कोच में 80 बर्थ होती है । इसी प्रकार आईसीएफ एसी-3 कोच में 64 बर्थ होती है। एलएचबी स्लीपर कोच में 62 बर्थ होती है। इसमें हाइड्रोलिक सस्पेंशन है और दाएं बाएं मूवमेंट के लिए भी सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
(1) बिलासपुर-भगत की कोठी
(2) बिलासपुर-बीकानेर
(3) बिलासपुर-पटना
(4) बिलासपुर-एर्णाकुलम
(5) बिलासपुर-चेन्नई
(6) बिलासपुर-पुणे
(7) रायपुर-कोरबा
(8) बिलासपुर-अमृतसर, छत्तीसगढ़ एक्स
(9) दुर्ग-निजामुद्दीन, संपर्कक्रांति
(10) दुर्ग-जम्मूतवी
(11) दुर्ग-नौतनवा
(12) दुर्ग-कानपुर
(13) दुर्ग-अजमेर
(14) दुर्ग-ऊधमपुर
(15) दुर्ग-निज़ामुद्दीन, हमसफर
(16) दुर्ग-भोपाल, अमरकंटक एक्स
(17) दुर्ग-फिरोजपुर, अंत्योदय एक्स
(18) दुर्ग-नौतनवा
(19) दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस में एलएचबी कोच की सुविधा है।
अतिरिक्त कोचों की सुविधा
त्यौहारों, छुट्टियों और अन्य अवसरों में ट्रेनों में ज्यादा भीड़भाड़ होने से ट्रेनों में अतिरिक्त कोचों की सुविधा है। रूटों पर स्पेशल ट्रेनों की सुविधा है। कुल 4247 अतिरिक्त कोच अप्रैल, 22 महीने से जनवरी, 23 महीने तक स्लीपर के लिए 3540 कोच, एसी थ्री के लिए 522 कोच, एसी टू के लिए 99 कोच और एसी प्रथम के लिए 86 कोच अलग-अलग ट्रेनों में रहेंगे।
भीड़-भाड़ रूटो के लिए स्पेशल ट्रेन
इसके साथ ही ज्यादा भीड़-भाड़ वाले रूटो में अनेक स्पेशल ट्रेन चलेगी। इन स्पेशल ट्रेनों से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायगढ़-बिलासपुर-रायपुर-दुर्ग-गोंदिया-नागपुर रेल रूट के साथ बिलासपुर-पेंड्रारोड-अनुपपुर-शहडोल-कटनी रूट के रेल यात्रियों को सुविधा मिलेगा।