छत्तीसगढ़

सचिन पाजी ने छह में से एक बार जीता वर्ल्ड कप, मैंने पहली बार में ही, विराट कोहली ने दिया चौंकाने वाला बयान

नई दिल्ली। भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अपनी कप्तानी में एक बार भी आईसीसी ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहे। इसकी वजह से किंग कोहली को ‘फेल कप्तान’ का टैग दिया जाता है।

इसी कड़ी में विराट कोहली ने अपनी कप्तानी पर उठे एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि उन्होंने कई बार आईसीसी इवेंट्स में नॉकआउट स्टेज में भारतीय टीम को लीड किया है और वर्ल्ड कप के साथ-साथ चैंपियंस ट्रॉफी भी बतौर खिलाड़ी के तौर पर जीती हैं। इसके अलावा किंग कोहली ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से तुलना करते हुए एक बड़ा बयान भी दिया।

दरअसल, टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली साल 2011 विश्व कप की ऐतिहासिक जीत का हिस्सा रहे। उन्होंने हाल ही में आरसीबी द्वारा शेयर किए पॉडकास्ट में कहा कि वह शुक्रगुजार है कि वह उस टीम का हिस्सा रहे चुके हैं, जिसने साल 2011 में विश्व कप का खिताब जीता था। उनका मानना है कि सचिन तेंदुलकर के लिए वह जीत हासिल करना बहुत ही खास बात थी, क्योंकि यह उनके करियर का आखिरी मैच था।

कोहली ने कहा,’ईमानदारी से कहूं तो 2011 की उस टीम का हिस्सा बनकर मैं खुद को काफी भाग्यशाली मानता हूं। मैं उस वक्त अच्छे फॉर्म में था और अच्छे स्कोर कर रहा था तो, इसलिए मेरा सिलेक्शन हुआ और मैं टीम का हिस्सा बना। सचिन तेंदुलकर अपना छठा विश्व कप खेल रहे थे और इसे उन्होंने जीता, बल्कि मैं पहली बार टीम का हिस्सा बनकर यह सब देख रहा था और अंत में मुझे एक ऐसी टीम मिली जिसने विश्व कप उठाया। अगर मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो उन चीजों के लिए शुक्रगुजार होता हूं जो मुझे मिली। ना कि मैं यह देखता हूं कि मेरे करियर में क्या-क्या गलत हो गया। मैं अपनी अलमारी में ट्रॉफियों का झुंड देखने के लिए पागल नहीं हूं।”

इसके अलावा विराट कोहली ने उन लोगों को जवाब दिया, जो कोहली को फेल कप्तान मानते है। उन्होंने कहा कि आप टूर्नामेंट जीतने के लिए खेलते हैं, लेकिन इतना ही काफी नहीं है। मैंने साल 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तानी की, 2019 विश्व कप में कप्तानी की, 2021 में टेस्ट चैंपियनशिप में और हम 2021 टी20 विश्व कप में सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे।

इसके साथ ही कोहली ने आगे कहा,”हम 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में, विश्व कप (2019) के सेमीफाइनल और डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचे, लेकिन मुझे एक फेल कप्तान माना गया। मैंने कभी खुद को उस नजरिए से नहीं देखा। एक टीम के रूप में हमने जो हासिल किया, वहीं मेरे लिए हमेशा गर्व की बात होगी। मैंने एक खिलाड़ी के रूप में विश्व कप जीता है, और एक खिलाड़ी के रूप में मैंने चैंपियंस ट्रॉफी जीती है।”