नई दिल्ली। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए साल में चार मौके मिलने के बाद भी युवाओं में मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर जिस तरह का ढुलमुल रवैया है, उसे देखते हुए चुनाव आयोग ने अब एक बड़ी पहल शुरू की है। चुनाव आयोग अब उनकी ओर से आवेदन मिलने का इंतजार नहीं करेगा, बल्कि 18 साल की उम्र पूरी होने से पहले ही वह उन तक पहुंचेगा। साथ ही मतदाता सूची में उनके नाम को जोड़ने के लिए जरूरी प्रक्रिया को पूरी कराएगा। इस दौरान जैसे ही वह 18 साल की उम्र पूरी करेंगे, उनके मताधिकार के साथ वोटर कार्ड भी जारी कर दिया जाएगा।
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर युवाओं में कम रुचि
यह पाया गया है कि 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद भी युवाओं में मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने को लेकर रुचि कम है। ऐसे में आयोग ने रणनीति बनाई है कि स्कूलों के साथ सीबीएसई सहित दूसरे स्कूली शिक्षा बोर्डों से ऐसे युवाओं की जानकारी लेगी, जो आने वाले कुछ दिनों में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले है।
सूत्रों के अनुसार, इसके आधार पर आयोग उन सभी युवाओं को ट्रैक करेगी, जो 18 साल की उम्र पूरी करने वाले है। इसे प्रयोग के तौर पर हाल ही में त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आजमाया भी गया था, जिसमें वोटिंग से पहले 18 साल के रहे सभी युवाओं को मताधिकार दिया गया। वोटर लिस्ट में इन्हें प्रतीक्षा सूची में रखा गया था।
चार बार जोड़े जा सकते हैं नए वोटरों के नाम
मौजूदा समय में नए वोटरों के नाम साल में चार बार (एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई, एक अक्टूबर को ) मतदाता सूची में जोड़े जा सकते है। इन महीनों में जब भी वह 18 साल की उम्र पूरी करते है, वह इसके लिए पात्र हो जाते है। इससे पहले साल में एक बार ही एक जनवरी को ही मतदाता सूची में नाम जोड़ने की व्यवस्था थी। यानी एक जनवरी को यदि वह 18 साल की उम्र पूरी नहीं करते थे, उन्हें अगले साल भर का इंतजार करना होता था।