रायपुर : छत्तीसगढ़ में ASI की मौत पर सियासत गरमाई हुई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर राजनीति हो रही है। दोनों एक दूसरे के सिर पर आरोप मढ़ रहे हैं। जमकर आरोप लगा रहे हैं। मामले में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने थाने में ASI की लाश संदिग्ध अवस्था में मिलने पर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। निशाना साधते हुअ कहा कि जब थाने में पुलिस अफसर की संदिग्ध लाश मिलने लगे, तो अंदाजा लगा सकते हैं कि आम जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे है। कांग्रेस के राज में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गई है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण ने कहा कि कोरबा जिले के बांगो थाना में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक नरेंद्र सिंह परिहार की लाश संदिग्ध अवस्था में थाने के अंदर प्राप्त हुई है। यह जीवंत प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की स्थिति कैसी है। छत्तीसगढ़ में पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी की सुरक्षा की कल्पना कैसे की जा सकती है।
‘घटना की निष्पक्ष जांच हो’
नारायण चंदेल ने कहा कि इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए। जांच में जो भी दोषी पाये जाएं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। आज वहां थाना बंद हो गया है। भय का माहौल है। पूरे प्रदेश में दहशत और आक्रोश का वातावरण है। यह सरकार के लिए चुनौती है।
‘राज्य को अपराधियों के हवाले किया’
उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार भूपेश बघेल सरकार को कानून व्यवस्था के प्रति उसकी जिम्मेदारी के लिए आगाह कर रही है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को अपराध और अपराधियों के हवाले कर दिया। संगठित अपराध हो रहे हैं। आम जनता का जीना मुहाल है। अब तो हालात यह हैं कि पुलिस वाले तक थाने के भीतर सुरक्षित नहीं हैं। थाने में उनकी लाश मिल रही है। कांग्रेस ने आखिर छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ बना ही दिया। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि थाने के अंदर घुसकर एएसआई की हत्या कर देते हैं । छत्तीसगढ़ में साफ दिखाई दे रहा है कि कांग्रेसियों का हाथ अपराधियों के साथ है।
नारायण चंदेल पहले अपने दुष्कर्म के आरोपी बेटे को सरेंडर कराएं: कांग्रेस
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के कानून व्यवस्था पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष खुद कानून तोड़ने वाले और आरोपी को संरक्षण दिये हुये हैं। वे किस नैतिकता से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे है? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के पुत्र के ऊपर एक अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ दुराचार का आरोप बेहद ही गंभीर मामला है। नेता प्रतिपक्ष चंदेल के पुत्र के खिलाफ थाने में एफआईआर भी दर्ज है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष अपने पुत्र को खुद थाने में समर्पण कराये और कानून की मदद करें। समाज के हर जागरूक नागरिक को अपराध के खिलाफ आगे आकर पुलिस और प्रशासन की मदद करनी चाहिये। नेता प्रतिपक्ष अपने पुत्र को बचाने में अपने पद के दायित्वों और नागरिक कर्तव्यों के प्रति ईमानदारी नहीं बरत रहे हैं।
‘बीजेपी राजनीति कर रही’
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा आपराधिक घटनाओं के आधार पर राजनीति करना बंद करें। वे भाजपा के 15 सालों के जंगल राज को याद करें जब अपराध होने के बाद भी अपराधी बेलगाम होकर सरे आम घूमते थे। पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाती थी। अब छत्तीसगढ़ बदल चुका है। राज्य में मजबूत कानून व्यवस्था है। कानून व्यवस्था से लेकर हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ अब भाजपा शासित देश के दूसरे राज्यों से बहुत बेहतर है। अपराधी यहां बच कर नहीं निकल सकते। नेता प्रतिपक्ष अपनी पार्टी के पंद्रह साल और कांग्रेस के चार साल में आपराधिक मामले के एनसीआरबी के आंकड़े देख सकते हैं कि तब राज्य में क्या स्थिति थी और अब क्या है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व के रमन सरकार अपराध को नियंत्रित करने में असफल रही। भाजपा नेताओं के संरक्षण में तस्करी करने वाले, अवैध कार्य करने वाले अपराधी फलते-फूलते रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद कानून मजबूती से जनता को सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। अपराधियों में कानून का ख़ौफ़ दिख रहा है। एनसीआरबी के आंकड़ें राज्य में अपराध नियंत्रण की गवाही दे रहे है।
‘अपराध में आई गिरावट’
वर्तमान में भूपेश बघेल सरकार हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में लगातार गिरावट आ रही है। बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में 47 प्रतिशत और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 58 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सल घटनाओं में 80 प्रतिशत और नक्सल हमलों में शहादत में 76 प्रतिशत की कमी एक बड़ी उपलब्धि है। मुद्दों के दिवालियापन से जूझ रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता अनर्गल बयानबाजी कर छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों को बदनाम करने नित नए साजिश रच रहे हैं। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं इसी तरह से झूठ, भ्रम और गलत बयानी करके अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं।