वाशिंगटन : अमेरिका में गुरुवार को चीनी एप टिकटॉक की उपयोगिता और उससे जुड़ी बातों पर संसदीय समिति ने विस्तार से चर्चा की। टिकटॉक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने समिति के समक्ष पेश होकर अपने एप से किसी तरह की मानसिक बीमारी न होने और उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पक्षधर बताया। लेकिन समिति ने उनके तर्कों को नहीं माना।
भारत पहले ही टिकटॉक पर लगा चुका बैन
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में चीनी एप के 15 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। भारत इस एप पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। अमेरिका को शक है कि इस शार्ट वीडियो एप के जरिये चीन यूजर की मानसिक स्थिति की जानकारी ले रहा है। उनकी हरकतों की जासूसी कर रहा है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के हितों को साधने वाला साधन है। इन्हीं बिंदुओं पर कंपनी के सीईओ शोऊ जी चेव को तलब कर संसद ने उनसे सीधे सवाल किए। जवाब में सीईओ ने बताने की कोशिश की कि उनका एप आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने वाला है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पक्षधर है।
हफ्ते भर की रोक लगा चुका अमेरिका
इससे पहले अमेरिका एप पर हफ्ते भर की रोक लगा चुका है। लेकिन इस एप पर प्रतिबंध लगाने की मांग बढ़ती जा रही है। इससे पहले हुई चर्चा में किसी भी सांसद ने एप के पक्ष में दलील नहीं दी। कई सांसदों ने एप से अमेरिकी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ने की बात कही। ऊर्जा और वाणिज्य मामलों की संसदीय समिति की सुनवाई में डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य कैथी केस्टर ने कहा, इस एप को इस तरह से डिजायन किया गया है कि बच्चों में देखने की लत पड़ जाए।
रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने उठाए सवाल
कई रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवाल उठाए। कहा कि एप से जुड़े आंकड़े चीन की सरकार के साथ साझा किए जाते हैं, इसलिए उनके दुरुपयोग की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। सीईओ शोऊ ने सफाई दी कि उनकी कंपनी अपने आंकड़ों और सूचनाओं की सुरक्षा के लिए डेढ़ अरब डालर की बड़ी धनराशि खर्च करती है।
इसके लिए चल रहे प्रोजेक्ट टेक्सास में करीब 1,500 पूर्णकालिक कर्मचारी काम करते हैं। बच्चों को मोबाइल की स्क्रीन से नुकसान होता है, न कि उनके एप से। लेकिन सांसदों की समिति ने सीईओ की सफाई को अपर्याप्त मानते हुए उनके उत्तर को अस्वीकार कर दिया।
ब्रिटेन की संसद ने सुरक्षा कारणों से सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल फोन पर टिकटॉक एप की मौजूदगी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। कहा है कि साइबर सिक्युरिटी के लिए यह आवश्यक है। भारत, कनाडा, बेल्जियम और यूरोपीय संघ के देश इस एप पर पहले ही रोक लगा चुके हैं।