नईदिल्ली : कोलकाता नाइट राइडर्स के रिंकू सिंह ने रविवार को अविश्वसनीय पारी खेल पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना लिया है। गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में आखिरी ओवर में केकेआर को 29 रन की जरूरत थी। यश दयाल गेंदबाजी कर रहे थे। पहली गेंद पर उमेश यादव ने एक रन लिया और रिंकू सिंह को स्ट्राइक दिया। इसके बाद अगली पांच गेंदों पर कोलकाता को 28 रन की जरूरत थी, लेकिन जो हुआ वह कई वर्षों तक याद रखा जाएगा।
रिंकू सिंह ने अब तक 16 सीजन का सबसे बेस्ट मैन फिनिश किया। उन्होंने अगली पांच गेंदों पर पांच छक्के जड़ कोलकाता को हारी हुई बाजी जिता दी। रिंकू 21 गेंदों में एक चौका और छह छक्के की मदद से 48 रन बनाकर नाबाद रहे और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड भी दिया गया। मैच के बाद रिंकू सिंह भावुक हो गए और उन्होंने खुद की संघर्षपूर्ण कहानी बताई है।
55 लाख रुपये में केकेआर ने किया शामिल
एक बेहद गरीब परिवार से आने वाले रिंकू को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 55 लाख रुपये में शामिल किया था। हालांकि, जो पारी उन्होंने रविवार को खेली वह अब तक आईपीएल में कई करोड़पति खिलाड़ी भी नहीं खेल सके हैं। 25 साल के रिंकू पर कोलकाता फ्रेंचाइजी ने भी पिछले काफी समय में काफी भरोसा जताया है। इसी अटूट विश्वास और समर्थन का ही नतीजा है कि रिंकू ने अपने दम पर मैच निकालकर दिया। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आने वाले रिंकू के पिता एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी करते थे।
रिंकू ने इन्हें समर्पित की अपनी पारी
2015-16 सीजन के दौरान जब रिंकू के परिवार पर पांच लाख रुपये का कर्ज था, तब रिंकू ने यूपी के अंडर-19 टीम से खेलना शुरू किया था और अपने दैनिक भत्ते से बचत करना शुरू कर दिया था। यहां तक कि उन्होंने झाड़ू और पोछा लगाने की नौकरी भी शुरू कर दी थी। इन सभी बातों को याद करते हुए रिंकू बताते हैं- मेरे पिता ने बहुत संघर्ष किया, मैं एक किसान परिवार से आता हूं। मैंने जो भी गेंद मैदान से बाहर मारी वह उन लोगों को समर्पित थी जिन्होंने मेरे लिए इतना बलिदान दिया I
रणजी ट्रॉफी में भी रिंकू ने खेली कई बेहतरीन पारियां
केकेआर एकेडमी से ही निकले रिंकू ने टीम के सहायक कोच अभिषेक नायर के साथ अपनी बल्लेबाजी पर काफी काम किया है और इसका परिणाम रिंकू को रणजी ट्रॉफी में भी मिला था। रणजी ट्रॉफी के 2021-22 सीजन में रिंकू ने पांच मैचों की नौ पारियों में 58.83 की औसत से 353 रन बनाए थे। वह यूपी के लिए टॉप स्कोरर रहे थे। इनमें चार अर्धशतक शामिल थे। वहीं, रणजी के 2022-23 सीजन में रिंकू ने सात मैचों की आठ पारियों में 63.14 की औसत से 442 रन बनाए। इनमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। वह ध्रुव जुरेल और समीर चौधरी के बाद पिछले सीजन यूपी के तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे।
पिछले सीजन मैच फिनिश नहीं कर पाए थे रिंकू
रिंकू को आईपीएल के पिछले सीजन भी कुछ ऐसा ही मौका मिला था, लेकिन वह उस मैच को फिनिश नहीं कर पाए थे। इसकी टीज आज भी उन्हें है और गुजरात के खिलाफ जीत दिलाने के बाद इसका जिक्र भी किया। दरअसल, आईपीएल 2022 में लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ कोलकाता को एक मैच में आखिरी ओवर में 21 रन की जरूरत थी। तब रिंकू जीत नहीं दिला सके थे। हालांकि, तब भी उन्होंने 15 गेंदों पर 40 रन की तूफानी पारी खेली थी। अब इस सीजन उन्होंने पिछले साल वाली गलती नहीं की।
रिंकू और नीतीश ने मैच को लेकर क्या कहा
रिंकू ने कहा- विश्वास था कि मैं यह कर सकता हूं। पिछले साल मैं लखनऊ में ऐसी ही स्थिति में था। विश्वास तब भी था। मैंने शॉट लगाते वक्त ज्यादा नहीं सोचा। सभी शॉट एक के बाद एक निकलते गए। वह आखिरी वाला छक्का बैक ऑफ द हैंड खेला था और मैंने उसे बैक फुट पर खेला था। चोटिल श्रेयस अय्यर की जगह इस सीजन केकेआर की कप्तानी कर रहे नीतीश राणा ने भी रिंकू सिंह की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा-रिंकू ने पिछले साल कुछ ऐसा ही किया था, हालांकि हम उस मैच को नहीं जीत पाए थे। जब रिंकू ने दूसरा छक्का लगाया, तो हमें लगने लगा था कि कुछ करिश्मा हो सकता है, क्योंकि यश दयाल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। रिंकू सिंह को पूरा श्रेय जाता है।
वेंकटेश बोले- लंबे समय तक याद रखेंगे मैच
नीतीश ने मैच के बाद कहा- इस मैच से हमें जो दो अंक मिले हैं, उसके लिए हम रिंकू को धन्यवाद देते हैं। लोगों ने मुझसे पूछा कि रिंकू सिंह को बड़ी भूमिका क्यों नहीं मिलती है और हमेशा एक छोटी भूमिका निभाते हैं। मैं उन पत्रकारों से कहना चाहता हूं कि अगर यह दूसरी भूमिका है, तो कल्पना कीजिए वह पहली भूमिका के साथ क्या कर सकते हैं। पिछले मैच में उन्होंने एक अलग भूमिका निभाई और उन्होंने इसे अच्छी तरह से किया। मेरे पास रिंकू की तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं। 40 गेंदों में शानदार 83 रन की पारी खेलने वाले वेंकटेश अय्यर ने कहा- यह मैच लॉर्ड रिंकू के शो के लिए याद किया जाएगा। आखिरी दो ओवर तक हर कोई कह रहा था कि हम नहीं जीत सकते, लेकिन वहां से वापसी करना और इस अंदाज में जीतना हर रोज संभव नहीं। हम इस मैच को लंबे समय तक याद रखेंगे।