नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त एक्सपर्ट कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा समय में यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकता है कि कीमतों में हेरफेर के आरोप में रेग्युलेटर सेबी विफल रही है। अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को शुक्रवार को सार्वजनिक कर दिया गया है।
जांच कमेटी ने पेश की रिपोर्ट
अदाणी समूह द्वारा धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर की एक रिपोर्ट में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति नियुक्त की थी। विशेषज्ञ समिति ने एक रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी को अदाणी के शेयर में निवेश बढ़ गया था, जिसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह से अस्थिर नहीं था।
साथ ही, विशेष कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि अदाणी ग्रुप ने स्टॉक एक्सचेंज को सभी जरूरी जानकारियां दी थी। इसके अलावा, ग्रुप के शेयर पहले से ही एडिशनल सर्विलांस की निगरानी में थे।
जांच के लिए सेबी को मिला दो महीने का समय
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने जांच के लिए सेबी को अतिरिक्त तीन महीने का समय दिया है। अब इस मामले में सेबी को अपनी जांच रिपोर्ट 14 अगस्त को जमा करनी होगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से पहले सेबी को दो महीने का समय दिया गया था, जिसके बाद कमेटी ने छह महीने का समय मांगा था। आखिर में कोर्ट ने सेबी को दो महीने का समय दिया है, ताकि अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पूरी हो सके।
हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर लगाए थे गंभीर आरोप
अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने इस साल जनवरी में अदाणी समूह पर आरोप लगाया था कि साइप्रस और मॉरीशस स्थित इनमें से कुछ कोष अदाणी से जुड़े थे, जिनका इस्तेमाल समूह की कंपनियों शेयरों में गड़बड़ी करने में किया गया। हालांकि, अदाणी समूह ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया था। उसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और फिर विशेष जांच कमेटी गठित की गई थी।