छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : गौशाला-गौठान में अंतर नहीं जानते बीजेपी नेता, CM बोले-लग्जरी गाड़ियों में घूमते हैं, विदेशी कुत्ते रखते हैं, चुनाव पास आया तो जा रहे हैं गौठान

रायपुर। प्रदेश में इन दिनों बीजेपी नेता रोजाना गौठानों का दौरा कर रहे हैं। “चलबो गौठान खोलबो पोल’ अभियान के तहत तमाम बीजेपी के नेता गौठानों का दौरा कर वहां की हकीकत जनता के सामने लाने की बात कह रहे हैं। उनके इस अभियान को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसा है।

सीएम ने कहा कि इनको गौशाला और गौठान में अंतर समझ में नहीं आता और दूसरी बात यह है कि बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने वाले, उनकी गाड़ियों में विदेशी कुत्ते रहते हैं, अब ये गाय और गरवा के बारे में क्या समझेंगे। चुनाव आ गया तब गौठान जा रहे हैं। उससे पहले नहीं गए थे।

सीएम ने कहा कि गौठान जा रहे हैं अच्छी बात है लेकिन कुछ अच्छे सुझाव देना चाहिए। जिसे हम भी अमल कर सकें। कुछ कमी या खामियां है उसको सुधार सकें। लेकिन 1 दिन गोढ़ी के गौठान में गए और बता दिया कि 13 करोड़ का घोटाला हो गया। सीएम ने कहा कि इनकी स्क्रिप्ट पहले से तय थी और फिर इन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लिया।

छत्तीसगढ़ के इस मॉडल को देश-दुनिया सराह रही- सीएम
सीएम भूपेश ने कहा मध्यप्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष आए थे तारीफ करके गए। केंद्रीय मंत्री सांसदों की टीम तारीफ करके गई। गुजरात की टीम आ गई, कितनी ही विधानसभा की टीम आ गई जो अध्ययन करके जा रही है और इनको भ्रष्टाचार नजर आ रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय नेताओं से नीतीश कुमार की लगातार मुलाकात हो रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे से भी बेंगलुरु में जहां सभी राष्ट्रीय नेता मौजूद थे, वहां मुलाकात हुई। सीएम ने बताया कि उस दौरान नीतीश कुमार और वे एक साथ ही बैठे थे तब उनके अभियान के बारे में बातचीत भी हुई । सीएम ने कहा कि अच्छा है वरिष्ठ नेता विपक्ष के सारे नेताओं को एकजुट करने के अभियान में लगे हुए हैं और मुझे विश्वास है कि नीतीश कुमार इसमें सफल होंगे।

पीएम मोदी के विदेश दौरे को लेकर कहा
सीएम भूपेश बघेल ने कहा की पीएम मोदी विदेश जाते हैं, तो विदेशों से हमारे क्या संबंध बने और देश को क्या लाभ मिला ये भी बताना चाहिए। ना कि ये बताना चाहिए कि कौन ऑटोग्राफ ले रहा है और कौन पैर छू रहे हैं। इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। अगर कोई राष्ट्र अध्यक्ष या प्रधानमंत्री दूसरे देश की यात्रा करते हैं तो उससे कूटनीतिक क्या लाभ हुआ और उसके बाद दोनों देश के आपसी संबंध में कितनी प्रगाढ़ता आई उसके साथ-साथ व्यापार व्यवसाय में कितना इसका इजाफा हुआ। अगर यह आंकड़े आएं तो निश्चित रूप से देश के लिए लाभदायक होगा, पैर छूना और गले मिलना तो एक शिष्टाचार है।