नईदिल्ली : आरबीआई ने हाल ही में दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने का एलान किया था। साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी कहा था कि ये मुद्रा वैध परिचालन में बनी रहेगी। इन नोटों को वापस लेने के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रही है। इस बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी इसे लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि 2000 रुपये के नोट की शुरुआत और उसे वापस लेने के तमाशे ने भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा किया है। उनकी टिप्पणी पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है। निर्मला सीतारमण ने पूर्व वित्तमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में केंद्रीय बैंक के निर्णय पर आक्षेप लगाना पूर्व वित्त मंत्री को शोभा नहीं देता।
निर्मला सीतारमण ने किया पलटवार
पूर्व वित्त मंत्री के इसी बयान पर निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है। उन्होंने कहाकि इस प्रकार के मामलों, मुद्रा, केंद्रीय बैंक के निर्णय पर संदेह करना पूर्व वित्त मंत्री के लिए अच्छा नहीं है। वह मंत्रालय के साथ रहे हैं। संप्रग सरकार के 10 साल के कार्यकाल में वे लंबे समय तक वह वित्त मंत्री रहे थे। उसी समय हमने संसद में कई सवाल उठाए थे और हमारे पास उनके लिए कोई ठोस जवाब नहीं था। सीतारमण ने कहा कि मुझे लगता है कि हम सभी के लिए यह बेहतर होगा कि हम स्थिति को समझें। आरबीआई द्वारा लिए गए निर्णय के अनुरूप टिप्पणी करें और तुच्छ टिप्पणी न करें।
क्या बोले थे पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने 2000 के नोटों को वापस लेने के आरबीआई के निर्णय पर तंज कसते हुए सोमवार को कहा कि 2,000 रुपये के नोट की शुरुआत और इसके बाद इसे वापस लेने से भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतक गिरावट की ओर इशारा कर रहे हैं और इस बात का कम भरोसा है कि अर्थव्यवस्था में मजबूती दिखेगी।
मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व वित्तमंत्री ने मणिपुर के हालात को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति बेहद खतरनाक है। वहां हाल के जातीय संघर्षों में 75 से अधिक लोगों की जान चली गई है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि पीएम ने कर्नाटक में प्रचार किया, जापान और अन्य देशों का दौरा किया, लेकिन वह मणिपुर नहीं जा सके। सवाल करते हुए चिदंबरम ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री को राज्य का दौरा नहीं करना चाहिए?आगे उन्होंने दिल्ली में पहलवानों के साथ पुलिस की हाथापाई को लेकर सरकार की चुप्पी को चौंकाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इससे भी बुरी बात यह है कि सरकार अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास भी नहीं करती है और सभी लोगों के लिए शासन करती है।