नई दिल्ली। दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर तत्काल रोक लगाई जाए। यह अध्यादेश असंवैधानिक है।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने अपने कैंपेन के अगले चरण की घोषणा कर दी गई है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। तीन जुलाई को आम आदमी पार्टी केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएगी। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पांच जुलाई को सभी विधानसभाओं में और छह से 13 जुलाई तक हर गली-मोहल्ले-चौके पर अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।
इससे पहले आम आदमी पार्टी रामलीला मैदान में हुई महारैली में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लोगों के वोट का अपमान किया। पूरा देश दिल्ली वालों के साथ। 140 करोड़ लोग मिलकर संविधान बचाएंगे। अंदर से पता चला है, जैसे दिल्ली में तानाशाही लागू हई, कल इसी तरह बंगाल और राजस्थान के लिए भी लाया जाएगा। चौथी पास राजा को समझ नहीं आ रहा है कि देश कैसे चलाया जाए। चारों तरफ बेरोजगारी फैली हुई है।
अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश न केवल दिल्ली की निर्वाचिक सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है। बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी खतरा बनेगा। यदि इसका विरोध नहीं किया गया तो इस तरह से अन्य राज्यों में भी अध्यादेश लाए जाएंगे। जिससे लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों की सत्ता को नुकसान होगा। इस काले अध्यादेश को हराना बहुत जरूरी है।