छत्तीसगढ़

बंगाल के पांशकुड़ा स्टेशन पर टला बड़ा हादसा; सिग्नल से आगे निकली अहमदाबाद एक्सप्रेस, दो लोको पायलट निलंबित

चक्रधरपुर: खड़गपुर रेल मंडल में एक बार फिर से बालासोर रेल हादसा जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने से बाल-बाल बच गयी।रेल मंडल के पांशकुड़ा रेलवे स्टेशन में शुक्रवार रात को ट्रेन नंबर 12834 हावड़ा-अहमदाबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन लाल सिग्नल को पार कर 255 मीटर आगे निकल गई।

गनीमत रही कि आगे कोई ट्रेन नहीं थी। अन्यथा ट्रेन से टकराने पर एक बड़ा रेल हादसा पांशकुड़ा स्टेशन में घट जाता। यह घटना शुक्रवार रात करीब एक बजे की बताई जा रही है।अहमदाबाद एक्सप्रेस के सिग्नल ओवरशूट हो जाने के बाद यह ट्रेन पांशकुड़ा स्टेशन में साढ़े चार घंटे तक रुकी रही और चक्रधरपुर स्टेशन 6 घंटे लेट से सुबह 10:07 बजे पहुंची थी।

2 लोकोपायलट निलंबित

वहीं इस घटना के बाद रेलवे ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत रात में ही अहमदाबाद एक्सप्रेस के लोको पायलट आर खलखो और सहायक लोको पायलट अजित कुमार दास को निलंबित कर दिया।

कैसे हुई ऐसी गलती?

दोनों ही लोको पायलट चक्रधरपुर रेल मंडल में पदस्थापित हैं। दोनों लोको पायलट के सस्पेंड कर दिए जाने के बाद हावड़ा-अहमदाबाद ट्रेन को चलाने के लिए रेलवे ने दूसरे लोको पायलट को जिम्मेदारी दी, जिसके बाद ट्रेन को दुसरे लोको पायलट स्पेशल ड्यूटी में चलाते हुए चक्रधरपुर स्टेशन तक लेकर आये।

बताया जा रहा है कि पांशकूड़ा स्टेशन में जब सिग्नल लाल था तो पायलट ने ट्रेन रोक दी थी। होम सिग्नल हरा होने के बाद ट्रेन को लोको पायलट ने आगे बढाया। 

इसके बाद स्टार्टर सिग्नल लाल था, जिसका लोको पायलट ध्यान नहीं दे पाए और सिग्नल को ओवरशूट करते हुए ट्रेन को आगे बढ़ा दिया, जिससे ट्रेन खतरे में आ गयी।

किसी तरह वायरलेस के माध्यम से लोको पायलट को सूचित किया गया कि उनके द्वारा सिग्नल ओवरशूट कर दिया गया है, बड़ा हादसा हो सकता है। इस सुचना के बाद आनन-फानन में दोनों लोको पायलट ने ट्रेन रोकी।

निलंबित कर बैठाई जांच

लोको पायलट की इस लापरवाही को रेलवे ने गंभीरता से लिया और दोनों को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी है। साथ ही दोनों से खड़गपुर में पूछताछ की जा रही है।

जिस तरह से लोको पायलट की गलतियां सामने आ रही हैं और सिग्नल ओवरशूट के मामले बढ़ रहे हैं, उससे ट्रेन परिचालन खतरे में आ गया है।

क्यों हो रही गलतियां?

बताया यह भी जा रहा है कि लोको पायलटों पर काम का भारी दबाव है। लोको पायलट तय सीमा से ज्यादा ड्यूटी कर रहे हैं, जिसके कारण रेलवे के रनिंग स्टाफ से गलतियां हो रही हैं।

रेलवे को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए रनिंग कर्मचरियों की संरक्षा से जुड़ी कार्यशाला करानी चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।

इस मामले पर चक्रधरपुर के डीसीएम अश्वनी मिश्रा ने सीनियर डीसीएम गजराज सिंह से वार्ता करने के बाद कहा कि यह मामला खड़गपुर रेल मंडल का है, इसलिए इसकी अधिकारिक जानकारी वे नहीं दे सकते। हालांकि, यह घटना घटी है।