छत्तीसगढ़

चांद पर उतरने के बाद एक साइड पर पलटे ओडीसियस लैंडर ने भेजीं पहली तस्वीरें, विशेषज्ञ बोले- यह मामूली सफलता

नईदिल्ली : करीब 50 साल बाद हाल ही में कोई अमेरिकी अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतरा है। जो लैंडर चांद पर उतरा है उसका नाम है- ओडीसियस लैंडर। इसे ह्यूस्टन की इंटुएटिव मशीन्स ने बनाया है। नासा ने बताया था कि उतरते समय मून लैंडर ओडीसियस का एक पैर चंद्रमा पर फंस गया था। इससे यह एक ओर झुक गया है। हालांकि, अब नई जानकारी यह है कि लैंडर ने सोमवार को चंद्रमा की सतह से अपनी पहली तस्वीरें भेजी हैं।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में गुरुवार को उतरा था 
गौरतलब है, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया था कि उसका मून लैंडर ओडीसियस का एक पैर चंद्रमा पर फंस गया है।इसकी वजह से वह एक ओर झुक गया। इस खबर की पुष्टि लैंडर का निर्माण और संचालन करने वाली कंपनी इंटुएटिव मशीन्स ने भी की थी। ओडीसियस आधी सदी से भी अधिक समय में चंद्रमा पर उतरने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान है। यह रोबोटिक लैंडर गुरुवार शाम 6.23 बजे ईटी पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में उतरा था। लेकिन, फ्लाइट कंट्रोलर्स को लैंडर के कम्युनिकेशन सिग्नल्स से सिग्नल लेने में कई मिनट लग गए।

काम करने की स्थिति में
इंटुएटिव मशीन्स के सीईओ स्टीव अल्टेमस ने कहा था, ‘जैसे ही यह उतरा, ओडीसियस का एक पैर सतह पर फंस गया। इससे यह एक ओर झुक गया है। फिर भी, लैंडर हमारे इच्छित लैंडिंग स्थल के करीब या उस पर है।’ नासा और इंटुएटिव मशीन्स ने सोमवार को कहा कि उन्हें लैंडर से डेटा मिल रहा है और उनका मानना है कि इसमें मौजूद अधिकांश वैज्ञानिक उपकरण काम करने की स्थिति में हैं।

दो तस्वीर भेजीं
इंटुएटिव मशीन्स कंपनी ने कहा कि ओडीसियस ने चंद्रमा की सतह से अपने मालापर्ट तक की छवियां भेजी हैं। इससे साफ है कि सबसे दूर दक्षिण का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई भी वाहन चंद्रमा पर उतरने और जमीन नियंत्रकों के साथ संचार स्थापित करने में सक्षम है। कंपनी ने दो तस्वीर साझा की है। पहली तस्वीर एक षट्भुज आकार के अंतरिक्ष यान के उतरने की और दूसरी उसके गिरने के 35 सेकंड बाद ली गई, जिसमें मालापर्ट की पक्की मिट्टी का पता चलता है।

4.0 मीटर लंबे ‘नोवा-सी’ श्रेणी के लैंडर की तस्वीर
बता दें, नासा इस दशक के अंत में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर वापस भेजने की योजना बना रहा है। इसके लिए उसने निजी कंपनी इंटुएटिव मशीन्स को मिशन के लिए लगभग 120 मिलियन डॉलर का भुगतान किया गया है। नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने शनिवार को 4.0 मीटर (13 फुट) लंबे ‘नोवा-सी’ श्रेणी के लैंडर की तस्वीर अपने लैंडिंग स्थल के 1.5 किलोमीटर (एक मील) के अंदर एक स्थान से ली।

मैं इसे ए माइनस दूंगा
खगोलशास्त्री और अंतरिक्ष मिशन विशेषज्ञ जोनाथन मैकडॉवेल ने कहा, ‘ओडीसियस एक तरफ झूक गया है, इसलिए ज्यादा चिंता नहीं हुई। हालांकि, यह यह मामूली सफलता है। मैं इसे ए माइनस दूंगा। कोई भी इसे सीधा उतारना पसंद करेगा।’