छत्तीसगढ़

तमिलनाडु सरकार के विज्ञापन में चीन का झंडा…DMK सरकार ने वैज्ञानिकों का अपमान किया, पीएम मोदी का बड़ा अटैक

चेन्नई : तमिलनाडु सरकार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) के नए स्पेसपोर्ट से जुड़े एक विज्ञापन को लेकर आलोचनाओं से घिर गई है।द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की एक मंत्री के इस विज्ञापन में चीन के झंडे वाला रॉकेट नजर आ रहा है। इस विज्ञापन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आलोचना की और इसे वैज्ञानिकों का अपमान बताया।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी DMK सरकार को घेरा और इसे देश की संप्रभुता का अपमान बताया।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु दौरे के दूसरे दिन कुलाशेखरपट्‌टीनम में इसरो के नए स्पेसपोर्ट की नींव रखी, जिससे छोटे सैटेलाइट्स लॉन्च किए जाएंगे। इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने स्थानीय अखबारों में एक एड जारी किया था।इसमें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ जिस रॉकेट की तस्वीर लगी थी, उस पर चीन का झंडा लगा था।इसको लेकर भाजपा ने DMK सरकार को आड़े हाथों लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक सभा को संबोधित करते हुए अखबार के विज्ञापन को लेकर DMK की आलोचना की। उन्होंने कहा, “DMK एक ऐसी पार्टी है जो काम नहीं करती, लेकिन झूठा श्रेय लेने में आगे रहती है। ये लोग हमारी योजनाओं पर अपने स्टिकर चिपकाते हैं। अब उन्होंने तमिलनाडु में इसरो लॉन्च पैड का श्रेय लेने के लिए चीन का स्टिकर चिपका दिया है।”उन्होंने कहा, “यह हमारे वैज्ञानिकों का अपमान है।”

अन्नामलाई ने इस विज्ञापन की निंदा की।उन्होंने कहा, ‘DMK मंत्री थिरु अनिता राधाकृष्णन द्वारा आज प्रमुख तमिल दैनिकों को दिया गया यह विज्ञापन चीन के प्रति DMK की प्रतिबद्धता और हमारे देश की संप्रभुता के प्रति उनकी पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है। यह हताशा इनके द्वारा पहले किए गए गलत कार्यों को दफनाने की उनकी कोशिश है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि DMK की वजह से ही सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र आज तमिलनाडु में नहीं है।’

अन्नामलाई ने कहा, “इसरो के पहले लॉन्च पैड के लिए तमिलनाडु पहली पसंद थी, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री थिरु अन्नादुरई कंधे में अधिक दर्द के कारण उस समय बैठक में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने अपनी जगह अपने एक मंत्री मथियाझागन को इसरो के अधिकारियों के साथ बैठक की जिम्मेदारी दी। इसरो के अधिकारियों ने बहुत समय तक इंतजार किया। अंत में मथियाझागन नशे की हालत में लाए गए थे।”उन्होंने कहा, “60 साल बाद भी DMK में कुछ नहीं बदला।”