नईदिल्ली : कांग्रेस के दिग्गज दिवंगत नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरन की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। पद्मजा के भाई के. मुरलीधरन वडकरा से कांग्रेस के सांसद हैं। इससे पहले, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हुए थे। अनिल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए केरल की पत्तनमतिट्टा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बीच उनके भाई और कांग्रेस सांसद के. मुरलीधरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पद्मजा का फैसला विश्वासघात है और इससे भाजपा को रत्ती भर भी फायदा नहीं होगा। मुरलीधरन ने कहा कि करुणाकरन ने कभी सांप्रदायिकता से समझौता नहीं किया और जहां तक सवाल धर्मनिरपेक्ष सोच वाले लोगों का है उनके परिवार के किसी सदस्य का भाजपा में शामिल होना एक दुखद परिणाम है। उन्होंने कहा, ”पद्मजा के शामिल होने से भाजपा को रत्ती भर फायदा होने वाला नहीं है। यह हमारी लड़ने की इच्छाशक्ति को भी प्रभावित नहीं करेगा। हम भाजपा को हर जगह तीसरे नंबर पर धकेलने की पुरजोर कोशिश करेंगे, खासकर उन सीटों पर भी जहां उन्हें (भाजपा) जीतने की उम्मीद है।”
कांग्रेस सांसद ने कहा, ”इस विश्वासघात का जवाब ईवीएम के जरिये दिया जाएगा।” मुरलीधरन ने कहा कि पद्मजा को पार्टी ने केरल से तीन बार लोकसभा चुनाव का टिकट दिया और वह हर दफा हारीं। उन्होंने कहा, ”इसलिए यह दावा करना कि उनकी (पद्मजा की) हार के पीछे पार्टी के अन्य लोग थे, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने मेरे साथ ऐसा करने की कोशिश की। मैंने इसके बारे में कभी शिकायत नहीं की क्योंकि यह जनता तय करती है कि किसे जीताना चाहिए और किसे नहीं।”
मुरलीधरन ने कहा कि एक समय ऐसा भी आया था जब उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी थी लेकिन तब भी उन्होंने भाजपा से समझौता नहीं किया और न ही उसमें शामिल हुए जबकि ऐसा करना उनके लिए बहुत आसान होता। मुरलीधरन ने कहा कि उनके पिता ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने कभी सांप्रदायिकता के साथ समझौता नहीं किया। पद्मजा के करीबी सूत्रों से उनके भाजपा में शामिल होने के संकेत मिलने के बीच मुरलीधरन का यह बयान है।