नईदिल्ली : अभिनेता कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम DMK के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गई है। मक्कल निधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन ने चेन्नई में कहा कि देश की खातिर DMK नीत गठबंधन में शामिल हुए, किसी पद के लिए नहीं।
DMK के साथ बैठक के बाद पार्टी महासचिव अरुणाचलम ने कहा कि मक्कल निधि मय्यम लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है। वो डीएमके के समर्थन में प्रचार करेंगे। हालांकि इस गठबंधन के तहत मक्कल निधि मय्यम को 2025 में राज्यसभा की एक सीट मिली है।
दो सप्ताह पहले पार्टी की सातवीं वर्षगांठ समारोह में उन्होंने कहा था कि अभी दलगत राजनीति को छोड़कर देश के बारे में सोचने की जरूरत है। जो भी पार्टी या गठबंधन देश के बाद निस्वार्थ भाव से सोचेगा, उनकी पार्टी मक्कल निधि मय्यम उसका हिस्सा बनेगी। हम सामंती राजनीति का हिस्सा नहीं बनेंगे।
कमल हासन ने कहा कि कि मैं और मेरी पार्टी यह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। लेकिन हम इस गठबंधन को पूरा सहयोग देंगे। हमने हाथ मिलाया है क्योंकि यह सिर्फ एक पद के लिए नहीं है, यह देश के लिए है। मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) का अंग्रेजी में अनुवाद पीपुल्स जस्टिस सेंटर है। इसकी स्थापना 21 फरवरी, 2018 को कमल हासन ने की थी। इसके बाद उनकी पार्टी दो चुनाव लड़ी, मगर न तो लोकसभा और न ही विधानसभा में मक्कल निधि मय्यम का खाता खुला। 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी के टिकट पर 37 कैंडिडेट उतारे थे, मगर एक भी प्रत्याशी जीत नहीं सका।
2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में कमल हासन ने 180 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर डीएमके, कांग्रेस और एआईडीएमके को चुनौती दी। उनके अधिकतर प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। उनकी पार्टी एमएनएम को लोकसभा चुनाव से भी चार लाख कम वोट मिले। खुद कमल हासन कोयंबटूर साउथ सीट से बीजेपी कैंडिडेट वान्थी श्रीनिवासन से हार गए थे।
अपनी हार को कमल हासन ने लोकतंत्र की विफलता बताया था। उन्होंने कहा कि कोयंबटूर साउथ के 90 हजार लोगों ने वोट नहीं डाला। भारतीय नागरिक के तौर पर ऐसे लोगों को खुद से सवाल पूछना चाहिए कि क्या वोट नहीं देना सही फैसला था। अगर लोकतंत्र में लोग वोट नहीं डालेंगे तो ईमानदार कैंडिडेट कभी चुनाव जीत पाएगा।