छत्तीसगढ़

कैश फॉर क्वेरी मामले में फिर परेशानी में पड़ी महुआ मोइत्रा, TMC नेता के आवास पर सीबीआई का छापा

नईदिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा एक बार फिर मुश्किल में घिरती नजर आ रही हैं। दरअसल, सीबीआई मोइत्रा के आवासों पर छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। इतना ही नहीं, टीम कोलकाता तथा अन्य स्थानों पर भी कैश फॉर क्वेरी मामले में छापे मार रही है।

यह है मामला
टीएमसी सांसद अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहती हैं। भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। इसके साथ उन्होंने टीएमसी सांसद और व्यापारी के बीच नकद और उपहारों के आदान प्रदान होने का भी दावा किया। उन्होंने बताया कि संसद में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद और व्यवसायी के बीच पैसों और उपहार का आदान प्रदान होता है। निशिकांत दुबे ने लोकसभा ओम बिरला को पत्र लिखकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच समिति गठित करने और उन्हें सदन से ‘तत्काल निलंबित’ करने की मांग की थी।

ओम बिरला को पत्र लिखकर निशिकांत दुबे ने कहा था कि जब भी संसद सत्र होता है, महुआ मोइत्रा और वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत रॉय के नेतृत्व में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) की चिल्लाने वाली ब्रिगेड, किसी न किसी बहाने से हर किसी के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने की आदत रखती है। हैरान करने वाली इस रणनीति के तहत महुआ अन्य सदस्यों के बहस करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, जबकि अन्य सांसद आम लोगों के मुद्दों और सरकार की नीतियों पर चर्चा करना चाहते हैं।

टीएमसी नेता ने किया था पलटवार
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों का पलटवार करते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने अपने पोस्ट में निशिकांत दुबे पर भर्जी डिग्री रखने का आरोप लगाया है। भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए महुआ ने कहा कि जांच के लिए उनके दरवाजे पर आने से पहले उन्हें अदानी कोयला घोटाला मामले में कार्रवाई का इंतजार है। महुआ ने कहा कि इस मामले में ईडी और अन्य जांच एजेंसियों को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।

दर्शन हीरानंदानी ने लगाया था बड़ा आरोप
बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने हाल ही में अपने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया था। इस हलफनामे में दर्शन ने कई अहम खुलासे किए थे। हलफनामे में दर्शन ने लिखा था कि पीएम मोदी की बेदाग छवि ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया, ऐसे में महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना साधने का रास्ता चुना। दर्शन ने दावा किया है कि अदाणी पर निशाना साधने के लिए महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड का उपयोग किया और ये भी कहा कि महुआ के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड उनके भी पास हैं और वह खुद ही महुआ की तरफ से संसद में सवाल डाल देते थे।

रिपोर्ट को ‘फिक्स्ड मैच’ करार दिया था
नौ नवंबर को एक बैठक में भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट अपनाई थी। कांग्रेस सांसद परनीत कौर सहित समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था। जबकि विपक्षी दलों से जुड़े समिति के चार सदस्यों ने असहमति नोट प्रस्तुत किए थे। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को ‘फिक्स्ड मैच’ करार दिया है और कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर शिकायत (जिसकी समिति ने समीक्षा की) के समर्थन में कुछ भी सबूत पेश नहीं किया गया।

समिति ने 500 पेज की रिपोर्ट बनाई
लोकसभा की आचार समिति ने 500 पेज की रिपोर्ट बनाई है। इसमें संसद की गरिमा को बचाने व राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्व देने के लिए कई अहम सिफारिश की गई हैं। महुआ पर रिश्वत ले कर अदाणी समूह के खिलाफ कारोबारी हीरानंदानी को लाभ पहुंचाने के लिए सवाल पूछने के आरोप हैं। खुद महुआ ने स्वीकार किया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के पोर्टल से जुड़ी अपनी आईडी-पासवर्ड साझा किए थे। हीरानंदानी ने महुआ को रिश्वत देने की बात स्वीकारी थी।

करीब आधे घंटे की चर्चा के बाद संसद सदस्यता रद्द
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की गई। भाजपा सांसद विजय सोनकर ने रिपोट की सभा के पटल पर रखा था। करीब आधे घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा ने आचार समिति की उस रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। सदन ने महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने संबंधी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी। इसका मतलब नकदी के बदले सवाल पूछने के मामले में महुआ की संसद सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो गई थी।