छत्तीसगढ़

संजय निरुपम कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित; अनुशासनहीनता-पार्टी विरोधी बयानों पर कार्रवाई

नईदिल्ली : कांग्रेस नेता संजय निरुपम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। बताया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद संजय निरुपम के निष्कासन को मंजूरी दे दी है। संजय को छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया था कि कांग्रेस ने निरुपम का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है। इसके अलावा पार्टी और राज्य इकाई नेतृत्व के खिलाफ उनके बयानों के लिए भी निरूपम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है।

संजय निरूपम का कांग्रेस को अल्टीमेटम
इस बीच संजय निरुपम ने भी एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने लिखा, श्एक सप्ताह का समय पूरा हो गया है और अब कल मैं खुद फैसला ले लूंगा।’ अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी मेरे लिए ज्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट न करे, बल्कि अपनी बची-खुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। गौरतलब है कि संजय निरूपम अपनी पसंदीदा लोकसभा सीट से टिकट न मिलने के लिए नाराज हैं। 

सीट बंटवारे के मुद्दे पर क्या बोले थे निरूपम?
मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद निरुपम ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से चार पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बयान दिया था। निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को खुद को शिवसेना (यूबीटी) के सामने झुकने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। संजय निरुपम ने शिवसेना की सूची पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा था ‘वे मुंबई में पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और एक दान के रूप में कांग्रेस के लिए छोड़ देंगे। यह निर्णय मुंबई में कांग्रेस को खत्म करने के लिए है। मैं इस निर्णय की निंदा करता हूं।’

निरुपम ने कहा कि ठाकरे ने एकतरफा उम्मीदवारों की घोषणा करके गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। कांग्रेस नेता ने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से अमोल कीर्तिकर को प्रत्याशी बनाए जाने का भी विरोध किया। अमोल खिचड़ी ठेका घोटाले में आरोपी हैं और इसके लिए ईडी द्वारा उनकी जांच की जा रही है।