नईदिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-4 मिशन विकास प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अनुसंधान एक सतत प्रक्रिया है और देश महान प्रगति के पथ पर है। वह यहां सत पॉल मित्तल स्कूल की बीसवीं वर्षगांठ में भाग लेने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
डॉ. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-4 एक अवधारणा है, जिसे हम चंद्रयान श्रृंखला की अगली कड़ी के रूप में विकसित कर रहे हैं। जैसा कि पीएम मोदी ने घोषणा की है कि 2040 में एक भारतीय चंद्रमा पर उतरेगा, ऐसा करने के लिए हमें विभिन्न प्रकार की निरंतर चंद्रमा की खोज करनी होगी। चंद्रयान-4 उस दिशा में पहला कदम है।
सोमनाथ ने कहा कि इसरो चंद्रमा के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए 2040 की शुरुआत में चंद्रमा पर उतरने का लक्ष्य रखा है और इसरो लगातार अन्वेषण अभियान पर है। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि अंतरिक्ष अनुसंधान के अलावा, संगठन देश भर के छात्रों को विभिन्न प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं में भी शामिल कर रहा है। पिछले साल अगस्त में भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था।
चंद्रयान -4 में पांच अंतरिक्ष यान मॉड्यूल
राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी में इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ की हालिया प्रस्तुति के अनुसार, चंद्रयान -4 में पांच अंतरिक्ष यान मॉड्यूल शामिल होंगे। जिसमें प्रणोदन मॉड्यूल, डिसेंडर मॉड्यूल, आरोही मॉड्यूल, स्थानांतरण मॉड्यूल, पुनः प्रवेश मॉड्यूल शामिल होगा। यह व्यापक सेटअप चंद्रयान-4 को पिछले चंद्रमा मिशनों से अलग करता है, जिसमें 2-3 मॉड्यूल शामिल थे। मिशन का प्राथमिक लक्ष्य चंद्र नमूने एकत्र करना है, जो वैज्ञानिक अध्ययनों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि का योगदान देता है।